राजनाथ सिंह के सामने BJP में शामिल होने वाली कांग्रेस नेता ने की घर वापसी, किस डर से फिर थामा कांग्रेस का दामन?

हरिओम सिंह

09 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 9 2024 9:59 AM)

2 दिन पहले भाजपा (BJP) में शामिल होने वाली सीधी की नगर पालिका अध्यक्ष ने वापस कांग्रेस जॉइन करके सबको चौंका दिया है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है? 

कांग्रेस नेत्री ने 2 दिन बाद फिर बदली पार्टी

कांग्रेस नेत्री ने 2 दिन बाद फिर बदली पार्टी

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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की गमहागहमी के बीच नेताओं के दलबदल का सिलसिला लगातार जारी है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में  कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है, वहीं कुछ कांग्रेस (Congress) जॉइन कर रहे हैं. इसी कड़ी में सीधी की नगर पालिका अध्यक्ष काजल वर्मा का नाम भी शामिल हो गया है. 2 दिन पहले भाजपा (BJP) में शामिल होने वाली सीधी की नगर पालिका अध्यक्ष ने वापस कांग्रेस जॉइन करके सबको चौंका दिया है. आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण है? 

राजनाथ सिंह के सामने ली थी सदस्यता

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 6 अप्रैल को सीधी में भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर राजेश मिश्रा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आए हुए थे. इस दौरान सीधी नगर पालिका की अध्यक्ष काजल वर्मा ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी ,जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी. 6 अप्रैल को भाजपा में शामिल होकर चर्चा में आईं सीधी की नगर पालिका अध्यक्ष काजल वर्मा जब 2 दिन बाद वापस कांग्रेस में शामिल हुईं तो हर कोई हैरान रह गया. दरअसल, 2 दिन पहले ही काजल वर्मा ने भाजपा जॉइन की थी, अब उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर घर वापसी की है. 

अचानक कांग्रेस के जिला कार्यालय में नगर पालिका  की अध्यक्ष काजल वर्मा एवं कांग्रेस नेता विनोद वर्मा एक प्रेस कॉफ्रेंस करके बताया कि "मैं वहां गई थी तो मेरे को पता नहीं था कि मैं कहां जा रही हूं. मैं कांग्रेस पार्षदों के समर्थन से अध्यक्ष बनी हूं और कांग्रेस में रहूंगी."

कुर्सी जाने के डर से कांग्रेस में वापसी?

गौरतलब है कि बीते 6 अप्रैल को काजल वर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेसी परिषद मुखर हो गए थे और उन्होंने नगर पालिका की प्रेसिडेंट इन काउंसिल सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था. सीधी नगर पालिका परिषद में कांग्रेसी पार्षदों की संख्या ज्यादा होने के कारण कांग्रेस की काजल वर्मा अध्यक्ष चुनी गई थी, लेकिन पार्षदों का इस्तीफा देने के बाद उनके अल्पमत में आने की संभावना जताई जा रही थी. माना जा रहा है कि यही वजह है कि कुर्सी जाने के डर से काजल ने वापस कांग्रेस जॉइन कर ली है. 

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