MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए लंबी चर्चा और मंथन के बाद कांग्रेस ने अपनी पहली सूची जारी की थी. लेकिन सूची जारी होने के साथ ही बगावत का दौर शुरू हो गया है, जिसमें प्रदेश करीब आधा सैकड़ा नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं. टिकट वितरण की नाराजगी के कारण ही स्थानीय नेताओं और प्रत्याशियों के बीच भी आपसी सामंजस्य दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है. अब ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चांए हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस कई सीटों पर प्रत्याशियों का बदलाव कर सकती है.
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दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. इस सूची के जारी होने के बाद से ही प्रदेश भर में चर्चा है कि कई सीटों पर बड़े नेताओं की सिफारिश के कारण ही उनका नाम काटकर दूसरे को मौका दिया गया है.
जिसमें इंदौर-4 की चर्चांए सबसे ज्यादा है. यहां दावेदारों का आरोप है कि सज्जन सिंह वर्मा के कारण ही उन्हें मौका नहीं मिला है. स्थानीय नेताओं का कहना है कि अगर टिकट में बदलाव नहीं किया जाता है तो निश्चित तौर आने वाले परिणाम कांग्रेस के खिलाफ होगें. अब पार्टी आलाकमान ऐसे में मंथन कर रहा है कि क्या टिकट में बदलाव करना चाहिए या फिर नहीं!
केपी सिंह की अजेय सीट में बदलाव बना मुसीबत
इन दिनों पूरे प्रदेश भर में सबसे ज्यादा चर्चाओं केपी सिंह का ही नाम है, क्योंकि वे पिछले 6 विधानसभा चुनाव पिछोर से ही जीतते आ रहे हैं, मगर उन्हें पिछोर के बजाय इस बार शिवपुरी से उम्मीदवार बनाया गया है. इस बात से खुद पीसीसी चीफ कमलनाथ आश्चर्यचकित हैं, उनका कहना है कि मुझे खुद समझ नहीं आ रहा के केपी सिंह की सीट को क्यो बदला गया है. कमलनाथ के बयान के बाद साफ है कि आने वाले दिनों में कई सीटों पर बदलाव हो सकता है.
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सबसे ज्यादा विरोध बुंदेलखंड में
कांग्रेस की सूची आने के बाद सी बुंदेलखंड में बगावत के सुर तेज हैं. यहां छतरपुर जिले की लगभग हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के लिए आने वाले समय में बागी बड़ी मुसीबत बन सकते हैं. जिन पर कांग्रेस नेता यह जान ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर इनका नाम आ कैसे गया है क्योंकि जिले स्तर से जो नाम भेजे गए थे, उन नाम में वह नाम था ही नहीं, जिसे उम्मीदवार बनाया गया है.
इन सीटों पर बदल सकते हैं प्रत्याशी
कांग्रेस में जिन सीटों पर प्रत्याशी के नामों के बदलाव की चर्चा है, उनमें पिछोर, शिवपुरी, विजावर, इसके अलावा टीकमगढ़ जिले की भी 2 सीटें ऐसी हैं जहां भी प्रत्याशी बदला जा सकता है. इसके अलावा विंध्य क्षेत्र में कांग्रेस मंथन कर रही है कि क्य बदलाव किए जा सकते हैं.
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में क्या कांग्रेस बगावत को रोकने के लिए प्रत्याशियों के नामों में बदलाव करती है, फिर नहीं अगर नामों मे बदलाव नहीं होता है तो क्या कांग्रेस ये बागी आने वाले दिनों में कांग्रेस लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं.
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