Guna Loksabha Seat: गुना लोकसभा सीट पर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं. दरअसल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) गुना से चुनावी मैदान में हैं. गुना सिंधिया का गढ़ कहा जाता है, लेकिन 2019 में इसी सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार गए थे. यही वजह है कि सिंधिया ने इस बार चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
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निर्वाचन आयोग के आंकड़ों को देखें तो सुबह 9.41 बजे तक गुना में 16.43 प्रतिशत मतदान हो चुका है. ये मध्य प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा है. वोटिंग प्रतिशत से साफ दिखाई दे रहा है कि गुना की जनता में जबरदस्त उत्साह है. यहां कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है.
सिंधिया और राव परिवार की पुरानी अदावत
गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव (Yadvendra Singh Yadav) से है. सिंधिया और राव परिवार की अदावत काफी पुरानी है. बीजेपी ने ठीक 22 साल पहले यादवेंद्र यादव के पिता देशराज सिंह यादव को ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतारा था. उस समय सिंधिया ने करीब 4 लाख से भी ज्यादा वोटों से यादव को शिकस्त दी थी. इस बार दोनों की पार्टियां बदल गई हैं. अब देखना होगा कि यादवेंद्र सिंह पिता की हार का बदला ले पाएंगे या फिर सिंधिया एक बार फिर अपने किले में परचम लहराएंगे.
दोनों प्रत्याशियों ने बदली
यादवेंद्र सिंह यादव 2023 के विधानसभा चुना के ठीक पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं. इस बार पार्टी अलग-अलग होने से समीकरण अलग बन सकते हैं.
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