Indore Loksabha Seat: मध्य प्रदेश समेत देश भर में इंदौर लोकसभा सीट चर्चा में है. चर्चा की वजह है यहां कांग्रेस प्रत्याशी का अंतिम समय पर नामांकन वापस ले लिया था और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद से ही मानों पूरे देश भर में इंदौर चर्चा में बना हुआ है. कांग्रेस अपने प्रत्याशी अक्षय बम पर कई आरोप लगा रही थी, तो इसी बीच अब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी बीजेपी प्रत्याशी और कांग्रेस पर तंज कसा है. कांग्रेस उम्मीदवार के आखिरी समय पर मैदान छोड़ने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर शादी से पहले दूल्हा भाग गया तो यह उनकी गलती नहीं है.
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दरअसल बीते दिन चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था. ऐसे में इंदौर लोकसभा सीट पर सीएम मोहन यादव ताकत झोंकते नजर आए. यहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा "कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा ने इंदौर में कुछ गलत किया. हमारी गलती क्या थी? इन्होंने पूरे गांव को शादी की दावत में आमंत्रित किया और शादी समारोह से पहले दूल्हे के भाग जाने जैसा है."
नोटा को लेकर क्या बोले सीएम मोहन?
इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद से ही यहां कांग्रेस नोटा का प्रचार कर रही है. इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर नोटा को वोट देने की अपील कर रहे हैं. इस पर सीएम मोहन यादव ने कहा "कांग्रेस नोटा दबाने की अपील करके लोकतंत्र का अपमान कर रही है" उन्होंने कहा, "अगर किसी का बच्चा घर से भाग जाता है, तो इसमें गलती किसकी है? वे आपके बच्चे हैं, आपको उनकी देखभाल करनी चाहिए."
सीएम यादव का विपक्ष पर हमला
मोहन यादव ने यहां भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद शंकर लालवानी के समर्थन में इंदौर शहर में एक रोड शो में हिस्सा लिया. इंडिया गठबंधन को 'घमंडिया' गठबंधन करार देते हुए यादव ने रामायण के पात्र रावण की राजधानी की लंका का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "ये अहंकारी लोग 17 लाख साल पहले भगवान राम के समय लंका में पैदा हुआ थे. अपनी बुद्धि के दिवालियापन के कारण, उन्होंने सीता का अपहरण करने के लिए नकली भगवाधारी बनकर खुद को पेश किया."
मतदाताओं से नोटा चुनने की कांग्रेस की अपील को खारिज करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, ''मां सीता ने 'लक्ष्मण रेखा' पार करने की गलती की थी, लेकिन इंदौर के लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे किसी भी परिस्थिति में लक्ष्मण रेखा पार नहीं करेंगे."
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