MP Loksabha Election 2024 Result: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने में अब सिर्फ 3 दिन शेष बचे हैं. 4 जून को काउंटिंग होने के बाद चुनावी परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा में जो सीट है, वह है छिंदवाड़ा लोकसभा. छिंदवाड़ा (Chhindwara) कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है. इस बार यहां बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. शायद यही वजह है कि काउंटिंग से पहले ही कमलनाथ को अपने किला ढहने का डर सता रहा है.
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दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्य प्रदेश को पत्र लिखकर छिंदवाड़ा के जिला निर्वाचन अधिकारी शीलेंद्र सिंह की जगह, 4 जून को केंद्रीय पर्यवेक्षक की उपस्थिति में मतगणना कराने की मांग की है. वहीं नकुलनाथ ने भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा है.
जिला निर्वाचन अधिकारी पर गंभीर आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्य प्रदेश को लिखे गए पत्र में लिखा है, "छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी के संबंध में छिंदवाड़ा क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत की गई है कि उनका व्यवहार, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भेदभावपूर्ण, भाजपा के पक्ष में रहा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करके कई तरह के कृत्य किए गए हैं, यहां तक कि चुनाव के मतदान के ठीक पूर्व कांग्रेस प्रत्यासी के निवास पर अनुचित रूप से पुलिस कार्रवाई कराई गई है, उक्त सभी कृत्य से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष है, ऐसी स्थिति में उनका लोकसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा के जिला निर्वाचन अधिकारी शीलेंद्र सिंह के नेतृत्व में मतगणना में भेदभावपूर्ण व्यवहार होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता."
निर्वाचन आयोग से की ये मांग
पत्र में आगे लिखा है कि छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी की कार्यप्रणाली के संबंध में कांग्रेस प्रत्याशी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कई शिकायतें निर्वाचन आयोग से की गई हैं. इसलिए 4 जून को मतगणना के दिन छिंदवाड़ा में केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाए.
छिंदवाड़ा में कांटे की टक्कर
छिंदवाड़ा से कांग्रेस के नकुलनाथ चुनावी मैदान में हैं, वहीं बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने छिंदवाड़ा में अपनी पूरी ताकत झोंकी है. कई दिग्गज नेताओं ने छिंदवाड़ा में रैलियां और जनसभाएं की. वहीं छिंदवाड़ा को आसानी से जीतने वाले नाथ परिवार ने भी इस बार अपना पूरा जोर लगा दिया है. पूरा नाथ परिवार पहली बार प्रचार-प्रसार के लिए उतरा है. नतीजे सामने आने के बाद ही छिंदवाड़ा की स्थिति क्लीयर हो पाएगी.
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