MP Politics: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले दलबदल का दौर जारी है. लगातार नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम रहे हैं, इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. कोई कह रहा है कि केस से बचने के लिए बीजेपी का दामन थामा जा रहा है, तो कोई कह रहा है कि राजनीतिक लाभ के लिए ये दलबदल किया जा रहा है. बीते दिन मुरैना महापौर शारदा सोलंकी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है. जिनके खिलाफ अभी कोर्ट में एक केस चल रहा है, जिसका जल्द ही फैसला आने वाला है. ऐसा माना जा रहा है कि इसी फैसले को देखते हुए शारदा सोलंकी ने बीजेपी का दामन थामा है.
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दरअसल, महापौर शारदा सोलंकी पर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के जरिए चुनाव लडऩे का आरोप है. महापौर की भाजपा प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव ने प्रमाण-पत्र फर्जी बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. मामले में महापौर को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. वर्तमान में मामला सप्तम अपर सत्र न्यायालय मुरैना में है. 7 मई को फैसला होना है. उनके भाजपा में जाने की एक मुख्य वजह यह भी बताई जा रही है.
महापौर न्यायालय में 3 बार बदल चुकीं अपना बयान
याचिकाकर्ता मुकेश जाटव की मानें तो महापौर शारदा सोलंकी ने कोर्ट के फैसले के डर से ही बीजेपी ज्वाइन की है. ऐसा इसलिए, क्योंकि 9 तारीख को मामले का फैसला होना है. कोर्ट की प्रक्रिया के दौरान महापौर 3 बार अपने बयान बदल चुकी हैं. यही कारण है कि फैसला उनके पक्ष में आने के बहुत कम चांस हैं. इसलिए उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है ताकि आपसी समझौते के तहत मामला रफा-दफा हो सके.
क्या बोले याचिकाकर्ता मुकेश जाटव?
मुकेश जाटव बताते हैं कि उनकी पत्नी बीजेपी की तरफ से महापौर का चुनाव शारदा सोलंकी के खिलाफ लड़ी थीं. उस दौरान शारदा सोलंकी ने कागज प्रस्तुत किए थे वो फर्जी थे. चुनाव के वक्त भी रिटर्निंग ऑफिसर से इस फर्जीवाड़े की शिकायत की थी, लेकिन उस समय हमारी कोई सुनाई नहीं हुई थी. बाद में हमने कोर्ट का सहारा लिया और रिट दायर की....
जाटव बताते हैं कि "जब मैंने शारदा सोलंकी के खिलाफ रिट दायर की थी, तब पार्टी के वरिष्ट नेताओं से पूछा था. उसके बाद ही केस दायर कराया था. केस 19 महीने से लगातार चल रहा है, 09 मई को फैसला आ सकता है." वे आगे कहते हैं, "शारदा सोलंकी के बीजेपी में आने से कुछ नहीं होगा, कोर्ट जो फैसला देगी हमें वही मंजूर रहेगा." "बीजेपी में कई लोग आ रहे हैं बीजेपी समुद्र है यहां कई लोग आते हैं और पता तक नहीं चलता कहां हैं. उन्होंने फैसले के डर से ही बीजेपी ज्वाइन की है. लेकिन अब याचिका वापस लेने का समय भी निकल चुका है. अब जो फैसला होगा 9 मई को होगा."
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