MP Election 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग हो चुकी है, नतीजों का इंतजार है. मऊगंज, पांढुर्ना और मैहर चुनाव से पहले इन जिलों के गठन की घोषणा सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने की थी. कुल 5 जिलों को बनाने का ऐलान किया गया था, जिसमें नागदा और पिछोर भी शामिल थे. ऐसे में लोगों के मन में सवाल है कि इन नए जिलों में क्या स्थिति है और कौन सी पार्टी को कितना फायदा यहां मिलता हुआ दिखाई दे रहा है.
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मऊगंज में कौन सी पार्टी आगे?
रीवा से कटकर बना मऊगंज (Mauganj), जिसमें मऊगंज और देवतालाब दो विधानसभा सीटें आती हैं. ये विंध्य क्षेत्र में है. मऊगंज में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. वहीं देवतालाब में त्रिकोणीय मुकाबला है, जहां बीजेपी और कांग्रेस के अलावा बीएसपी भी पूरे दमखम के साथ उतरी है. जिला बनने के बाद मऊगंज का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.
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पांढुर्ना में किसे मिलेगा फायदा
छिंदवाड़ा से कटकर बने पांढुर्ना (Pandhurna) जिले में पांढुर्ना और सौंसर दो विधानसभा सीटें आती हैं. पांढुर्ना को जिला बनाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही थी, सीएम शिवराज ने चुनाव से ठीक पहले इसे जिला बनाने का ऐलान किया, जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. वैसे तो छिंदवाड़ा क्षेत्र कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है, लेकिन पांढुर्ना और सौंसर में बीजेपी और कांग्रेस के बीच काफी क्लोज फाइट देखने को मिल रही है.
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मैहर में त्रिकोणीय मुकाबला
सतना से कटकर मैहर (Maihar) नया नवेला जिला बना है. इसमें मैहर और अमरपाटन दो विधानसभा सीटें आती हैं. भाजपा और कांग्रेस के अलावा नारायण त्रिपाठी की विंध्य जनता पार्टी यहां मैदान में है. नारायण त्रिपाठी की मैहर क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती है, वे वर्तमान में विधायक भी हैं. जिसकी वजह से मैहर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. मैहर को हालांकि सीएम शिवराज ने जिला घोषित किया है, लेकिन नारायण त्रिपाठी लंबे समय से इसके लिए मांग कर रहे थे.
नागदा और पिछोर को जिला बनाने का ऐलान भी सीएम शिवराज ने किया. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जनता के बीच गए हैं. ऐसे में देखना होगा कि नए जिला बनने से किस पार्टी को कितना फायदा मिल पाता है.
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