MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच शुरू हुई तकरार अब चरम पर पहुंच गई है. इसे अखिलेश यादव के ताजा बयान ने और हवा दे दी है. जिससे मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले INDIA अलांयस में बिखराव साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. कांग्रेस से अपने गठबंधन को लेकर समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ कर दिया कि अब इस गठबंधन पर आगे विचार किया जाएगा.
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दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर चर्चांए चल रही थीं. लेकिन बात नहीं बन सकी. समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश का दावा है कि कांग्रेस ने कहा था कि आने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके ही मध्य प्रदेश का चुनाव लड़ा जाएगा. अगर हमें पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो ना हम मीटिंग में जाते और ना ही कांग्रेस नेताओं के फोन उठाते. हमने साफ-साफ बताया था कांग्रेस को कि एमपी में हमारे उम्मीदवार कब-कब और कहां-कहां जीते थे. कहां हम नंबर 2 पर थे, लेकिन जब लिस्ट आई तो देखा कि उन्होंने सब डिक्लियर कर दिया.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- “अगर ये मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है INDIA का तो कभी मिलने नहीं जाते हमारी पार्टी के लोग और न ही हम कभी सूची देते कांग्रेस के लोगों को। गठबंधन केवल उत्तर प्रदेश में केंद्र के लिए होगा तो उस पर विचार किया जाएगा.”
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ऐसे शुरू हुआ विवाद
दरअसल, सपा और कांग्रेस के बीच विवाद उस समय शुरू हुआ, जब कांग्रेस ने 144 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी, जिसमें उन सीटों पर भी प्रत्याशी उतार दिए, जिन पांच सीटों पर सपा उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी थी. इसके बाद सपा ने ताबड़तोड़ एक के बाद एक दो लिस्ट जारी कर 31 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया, जहां पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है.
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कमलनाथ ने कहा- कुछ पेंच फंस जाते हैं क्या करें
कमलनाथ ने इस विवाद पर कहा था कि “देखिये तरह-तरह की बातचीत हुई उनसे, हम चाहते हैं कि सपा हमारा साथ दे बीजेपी को हराने के लिए. और इसमें उनकी भी दिलचस्पी है. मैं अखिलेश यादव जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उनका उदेश्य बीजेपी को हराने का है. उन्होंने खुद मुझे कहा हम मिलकर हराना चाहते हैं.” इस पर आगे कहा- “पर हमें भी अपनी स्थानीय स्थिति देखनी है. इसमें कुछ पेंच फंस जाते हैं. क्योंकि जो कैंडिडेट है अगर वो कहते हैं कि हम आपके कैंडिडेट को टिकट देते हैं तो हमारा कैंडिडेट कहता है कि मैं सपा के टिकट पर नहीं लडूंगा, तो क्या करें? तो ऐसी कुछ बाते आ जाती हैं यह प्रैक्टिकल बातें हैं.”
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