BJP को फिर लगा बड़ा झटका, अब इस सिंधिया समर्थक नेता ने छोड़ा भाजपा का साथ, दिया इस्तीफा

प्रमोद भार्गव

25 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 25 2023 7:10 AM)

MP News: मध्य प्रदेश में चुनावों से पहले बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है. प्रदेश की राजनीति में इस समय दल-बदल का दौर तेजी से चल रहा है. खासकर शिवपुरी इलाके में. करीब 15 दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाने वाले बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो […]

rakesh gupta leave bjp, shivpuri

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MP News: मध्य प्रदेश में चुनावों से पहले बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है. प्रदेश की राजनीति में इस समय दल-बदल का दौर तेजी से चल रहा है. खासकर शिवपुरी इलाके में. करीब 15 दिन पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाने वाले बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो गए थे,अब सिंधिया समर्थक राकेश गुप्ता सिंधिया और भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं.

सिंधिया समर्थक राकेश गुप्ता 26 जून को अपने समर्थकों के बड़े काफिले के साथ भोपाल पहुंचेंगे. पीसीसी कार्यालय में पीसीसी चीफ कमलनाथ राकेश गुप्ता को कांग्रेस की सदस्यता दिलाएंगे. आपको बता दें कि राकेश गुप्ता भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए थे, लेकिन अब उनका भी बैजनाथ सिंह की तरह मोहभंग हो गया है. उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से पहले भारतीय जनता पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

राकेश गुप्ता के राजनीतिक जीवन की अगर बात करें तो वे शिवपुरी के प्रतिष्ठित वैश्य परिवार से जुड़े हैं. उनके पिता सांवलदास गुप्ता शिवपुरी की नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे. उन्हें एक बार कांग्रेस ने शिवपुरी विधानसभा से उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन चुनाव हार गए थे. राकेश गुप्ता कांग्रेस संगठन में कई पदों पर रहने के साथ वर्तमान में यहां की प्रसिद्ध समाजसेवी संस्था मंगलम के अध्यक्ष हैं.एमपी तक ने उनसे वन टू वन बातचीत की.

सवाल- क्या कारण है कि आप हमेशा सिंधिया निष्ठ रहे, लेकिन एकाएक कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं?
जवाब- हम लोग खानदानी कांग्रेसी रहे. अचानक सिंधिया जी का भाजपा में जाना हुआ. हम भी अपने नेता के साथ बिना सोचे-समझे भाजपा में चले गए. वहां जाने पर अच्छा महसूस नहीं हुआ. हमने अपने आप को ठगा सा महसूस किया. उनके यहां कार्यक्रमों में जाते थे तो आत्मग्लानि होती थी. क्योंकि उनकी कथनी और करनी में फर्क था और हम लोग कांग्रेस प्रवृत्ति के लोग थे. जो कहा वो किया. खानदानी कांग्रेसी होने के कारण मेरा मन नहीं लगता था वहां. मैंने बड़े सोच समझकर फैसला किया और वापस अपनी पार्टी में जा रहा हूं.

सवाल- सिंधिया परिवार का जो भरोसा था वो आप पर टूटेगा?
जवाब- ये बात सत्य है मेरे पिता जी ने 75 साल सेवा की कांग्रेस में. सामाजिक क्षेत्र में भी विभिन्न पदों पर रहे और सेवा की. रहा सवाल राजनीति का तो सिंधिया परिवार के साथ हमेशा से राजनीति की. विचारधारा हमेशा से कांग्रेस की थी. हमने हमेशा सामाजिकता के साथ, व्यवहारिकता के साथ राजनीति की. इसलिए हमें कांग्रेस ही उचित लगती थी. कांग्रेस में आकर अपनी व्यवहारिकता के साथ राजनीति को आगे चलाएंगे और उसमें सफलता हासिल करेंगे. लोगों की सेवा करेंगे, लोगों की उलझनें दूर करेंगे, यही मेरा विचार है.

सवाल- आपको टिकट भी मिल सकता है, क्या आपको कांग्रेस की पृष्ठभूमि का लाभ मिलेगा?
जवाब- कांग्रेस की पृष्ठभूमि का लाभ मिलेगा. हर व्यक्ति की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं होती हैं. लेकिन फिर भी कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो आदेश करेगा वो करूंगा. लेकिन टिकट लेना मेरी प्राथमिकता नहीं है, मेरी प्राथमिकता है कांग्रेस पार्टी में सेवा करना.

सवाल- यशोधरा राजे सिंधिया परिवार से आती हैं, क्या उनसे मुकाबला करने को तैयार हैं
जवाब- हम पिछले 25 वर्षों से उनका सम्मान करते आ रहे हैं. हमेशा मिलकर साथ रहे, लेकिन कुछ परिस्थितियां होती हैं. मुझे भी लगा कि मेरे जीवन में एक बार मौका लेना चाहिए. इसलिए मैं तैयारी कर रहा हूं. और जहां तक वैश्य समाज का सवाल है तो वैश्य समाज का लाभ हमें मिलेगा. क्योंकि हमारी रिश्तेदारियां भी हैं. हर व्यक्ति में अपनी समाज के प्रति झुकाव होता है तो निश्चित रूप से इसका लाभ हमें मिलेगा.

सवाल- आप प्रत्याशी बनेंगे तो हो सकता है आप पर दवाब हो?
जवाब- ये बात सत्य है कि दवाब की राजनीति होती आई है. लेकिन दवाब का संघर्ष करेंगे. समाज के लोग भी संघर्ष करेंगे और उसका जवाब देंगे. डरने जैसी कोई बात नहीं है.

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