MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को एक बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं. गुना में पूर्व विधायक ममता मीना के बाद इंदौर के नेता प्रमोद टंडन, बैतूल और बीते रविवार को सतना में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य के पार्टी छोड़ने के बाद अब छतरपुर से बड़ा झटका लगा है. जहां पर मध्यप्रदेश के छतरपुर की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एवं भाजपा नेता अर्चना सिंह ने बगावत कर दिया है. उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावती सुर में बड़ा बयान देते हुए कहाकि 2023 का विधानसभा चुनाव में जरूर लडूंगी. मगर जगह और पार्टी समय आने पर बताऊंगी.
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बता दें भाजपा ने अपनी 39 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की थी, उसमें छतरपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री ललिता यादव का नाम घोषित कर दिया है, जिसके बाद से ही अर्चना सिंह के समर्थक सड़कों पर उतरकर लगाकर भाजपा से मांग कर रहे थे कि अर्चना सिंह को टिकट दी जाए. मगर महीने भर बीतने के बाद भी पार्टी ने अपना फैसला नही बदला.
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विधानसभा चुनाव जरूर लडूंगी: अर्चना सिंह
अर्चना सिंह के समर्थक यही आस लगाए हुए हैं कि अर्चना सिंह को चुनाव लड़ना चाहिए. एमपी तक से खास बातचीत में अर्चना सिंह ने कहा- यह तय कर लिया कि 2023 का विधानसभा चुनाव तो लड़ूंगी. मगर अभी यह नहीं बता रही कि पार्टी कौन सी होगी. ऐसे में यह तो साफ हो गया कि अर्चना सिंह ने अपने बगावती तेवर तो दिखा दिए और पार्टी छोड़ने का इशारा भी कर दिया. अब आगामी समय मे तस्वीरें साफ होगी कि अर्चना सिंह किस दल से चुनाव मैदान में उतरेंगी और भाजपा के लिए रास्ते का कांटा बनेगी.
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टिकट कटने से मंच पर रो पड़ी थीं अर्चना सिंह
बता दें कि भाजपा ने अर्चना सिंह को 2018 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था और मामूली वोटों से चुनाव हार गई थीं. इसके बाद बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था. इससे दुखी होकर वह मंच से सार्वजनिक रूप से राेने लगी थीं. उनका ये वीडियो वायरल हो गया था.
पार्टी ने दिया ललिता यादव को टिकट से नाराज हुईं अर्चना
छतरपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अर्चना सिंह को 2018 के विधानसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था. जिसमें वह कांग्रेस के आलोक चतुर्वेदी से मामूली वोटों से चुनाव हार गई थीं. चुनाव हारने के बाद से ही अर्चना सिंह क्षेत्र में खासी सक्रिय थी. उनको पूरी उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें एक बार और मौका जरूर देगी. लेकिन पार्टी ने चुनाव से ठीक 100 दिन पहले उनकी जगह पूर्व मंत्री ललिता यादव को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. जिसके बाद से ही उनके समर्थक पार्टी से मांग कर रहे थे कि टिकट पर एक बार विचार कर पार्टी की तरफ से अर्चना सिंह को ही प्रत्याशी बनाया जाए. लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद अब अर्चना ने बगावती सुर दिखाए हैं.
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जानिए छतरपुर का राजनीतिक समीकरण
छतरपुर विधानसभा सीट पर ज्यादातर मुकाबले द्विपक्षीय रहे हैं. 2018 के चुनाव में कुल 16 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे, लेकिन जीत कांग्रेस के पक्ष में गई. आलोक चतुर्वेदी ने बीजेपी की अर्चना गुड्डू सिंह से 3,4,95 मतों के अंतर से यह कांटेदार मुकाबला जीता था. आलोक चतुर्वेदी को चुनाव में 65,774 वोट मिले जबकि अर्चना गुड्डू सिंह के खाते में 62,279 वोट आए थे. पिछले 2 बार से चुनाव में हार का सामना करने के बाद कांग्रेस ने 2018 में यहां से जीत हासिल की, 5 साल पहले साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छतरपुर विधानसभा सीट पर कुल 2,04,325 मतदाता थे जिसमें 1,25,323 पुरुष और 79,002 महिलाएं थीं. इनमें से 1,46,979 मतदाताओं ने वोट दिया था.
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