कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को जीतने में क्यों नाकाम रही बीजेपी? जानिए ये है बड़ी वजह

Madhya Pradesh Election 2023: मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा नही जीत पाई. सातों सीट पर कांग्रेस के विधायक दोबारा जीत गए.

BJP unable to conquer Kamal Nath's stronghold Chhindwara. Congress sweeps all seven seats again.

BJP unable to conquer Kamal Nath's stronghold Chhindwara. Congress sweeps all seven seats again.

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Madhya Election Result 2023: मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा नही जीत पाई.  सातों सीट पर कांग्रेस के विधायक दोबारा जीत गए. विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने में भरकस कोशिश की, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाए.

बता दें कि छिंदवाड़ा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, सीएम शिवराजसिंह चौहान, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, प्रहलाद पटेल और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित इन सभी बड़े नेताओं ने छिंदवाड़ा जिले में बड़ी जनसभाएं की लेकिन कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने में नाकामयाब रहे.

कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार की बड़ी वजह

छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ ने विधायकों को टिकट दिया, सभी उम्मीदवारों ने कमलनाथ के सीएम फेस पर चुनाव लड़ा ओर सातों सीटो पर जीत दर्ज की. वही अगर हम बीजेपी की बात करे तो यहां से बीजेपी के हारने की मुख्य वजह है कमलनाथ का सीएम चेहरा, वहीं टिकट वितरण को लेकर नेताओं ओर कार्यकर्ताओं में नाराजगी. इस वजह से बीजेपी की एक भी सीट नही जीत पाई.

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छिंदवाड़ा जिले की सात सीटों पर जीत का अंतर

1- छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर कॉंग्रेस से सीएम फेस कमलनाथ उम्मीदवार थे उनके सामने भाजपा के जिलाध्यक्ष और युवा चेहरा विवेक बंटी साहू थे. कमलनाथ ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी विवेक बंटी साहू को 36594 वोटों से हराया.

2- गोंडवाना पार्टी छोड़कर बीजेपी ज्वाॅइन करने वाली मोनिका बट्टी को अमरवाड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया, उनके मुकाबले में दो बार के विधायक कमलेश शाह कॉंग्रेस से चुनाव मैदान में थे. कमलेश शाह ने बीजेपी प्रत्यशी मोनिका बट्टी को 25086 वोटो से हराकर तीसरी बार विधायक चुने गए है.

3- पांढुर्णा से बीजेपी ने पूर्व जज प्रकाश उइके को अपना अप्रत्याशी बनाया था. कॉंग्रेस से विधायक नीलेश उईके चुनाव मैदान में थे यहां भाजपा को पांढुर्णा जिला बनाने का कोई फायदा नहीं मिला और कॉंग्रेस के नीलेश युइके ने भाजपा के प्रकाश उईके को 10457 वोटों से हराकर दूसरी बार विधायक चुने गए है.

4- चौरई विधानसभा की तो यहां से पंडित रमेश दुबे भाजपा से चुनाव लडते रहे लेकिन इस बार उन्हें टिकट ना देकर लखन वर्मा को टिकट दिया गया था कांग्रेस विधायक सुजीत मेरसिंह ने बीजेपी प्रत्यशी लखन वर्मा को 8589 वोट से हराकर दूसरी बार विधायक के लिए चुने गए.

5- जुनारदेव विधानसभा सीट पर कॉंग्रेस के सुनील उइके विधायक और भाजपा से नत्थन शाह कवरेती चुनाव मैदान में थे. दोनों के बीच कड़ा मुकाबला रहा विधायक सुनील उईके 3204 वोट से बीजेपी के नत्थन शाह कवरेति को हराकर दूसरी बार विधायक चुने गए.

6- सौसर विधानसभा सीट पर कांग्रेस से विधायक विजय चौरे ओर बीजेपी से पूर्व मंत्री नानाभाऊ मोहोड़ प्रत्याशी थे. विजय चोरे ने भाजपा के नाना भाऊ मोहोड़ को 11538 वोट से हराकर दूसरी बार विधायक बने.

7- परासिया विधानसभा सीट की तो यहां से भाजपा ने ज्योति डेहरिया का मुकाबला कॉंग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि से था. विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने बीजेपी की ज्योति डेहरिया को 2168 वोट से हराकर तीसरी बार विधायक चुने गए है.

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