चंबल में BJP को बड़ा झटका, CM के पहुंचने के पहले 4 बार विधायक रहे इस नेता ने पार्टी को कहा अलविदा

MP Breaking News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते ही बीजेपी से इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है. उमा भारती के कट्टर समर्थक रहे भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वह बीजेपी की लहार विधानसभा से टिकट नहीं मिलने […]

Breaking News former MLA rasal singh Uma bharti Congress first list mp election 2023

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MP Breaking News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते ही बीजेपी से इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है. उमा भारती के कट्टर समर्थक रहे भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. वह बीजेपी की लहार विधानसभा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से नाराज चल रहे थे.

बता दें कि रसाल सिंह ने यह इस्तीफा उस वक्त दिया जब सीएम शिवराज सिंह चौहान लहार में पहुंचने वाले थे. सीएम के पहुंचने से पहले ही रसाल सिंह ने अपना इस्तीफा लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. दरअसल, रसाल सिंह उमा भारती के कट्टर समर्थक रहे हैं. रसाल सिंह पहली बार साल 1972 में जनसंघ की तरफ से चुनाव लड़ते हुए भिंड जिले की रौन विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद साल 1977 में भी जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने.

बीजेपी के टिकट पर दो बार रहे विधायक

साल 1998 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर रौन विधानसभा सीट से जीत दर्ज कराई और फिर जीत का यह सिलसिला बीजेपी के टिकट पर ही साल 2003 में भी बरकरार रहा. चार बार रौन विधानसभा सीट से विधायक रह चुके रसाल सिंह भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसके अलावा वे नगर पालिका भिंड के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. साल 2008 में परिसीमन के बाद रौन विधानसभा को खत्म कर दिया गया और रौन विधानसभा के क्षेत्र को लहार और मेहगांव विधानसभा सीट में मिला दिया गया.

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रसाल सिंह ने दिया इस्तीफा. फोटो- एमपी तक

उमा भारती के समर्थन में छोड़ी थी पार्टी

उमा भारती ने जब पार्टी से बगावत की तो रसाल सिंह उमा भारती के कट्टर समर्थक होने की वजह से बीजेपी से बगावत कर गए थे. हालांकि उमा भारती की वापसी के साथ ही रसाल सिंह भी बीजेपी में वापस आ गए. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रसाल सिंह को लहार विधानसभा सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन वे डॉक्टर गोविंद सिंह से चुनाव हार गए. इसके बाद साल 2018 में एक बार फिर से बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया लेकिन रसाल सिंह एक बार फिर से कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद सिंह से हार गए. लगातार दो बार मिली हार की वजह से इस बार होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी ने रसाल सिंह का टिकट काट दिया और अंबरीश शर्मा को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया.

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बीएसपी से चुनाव लड़ने की अटकलें

अपना टिकट कटने से नाराज रसाल सिंह ने पिछले दिनों अपने समर्थकों की बैठक बुलाई थी और वरिष्ठ नेतृत्व तक अपनी नाराजगी का संदेश पहुंचा दिया था, लेकिन बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व पर इसका ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. हालांकि रसाल सिंह को मनाने के प्रयास जारी रहे लेकिन वह नहीं माने. रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान लहार पहुंचने जा रहे थे इसकी जानकारी मिलने पर रसाल सिंह को यह भी मालूम हुआ कि सीएम शिवराज सिंह चौहान उनसे मुलाकात करने उनके निवास पर पहुंच सकते हैं. इससे पहले की सीएम रसाल सिंह से मुलाकात करते, रसाल सिंह ने बीजेपी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही त्यागपत्र दे दिया और इस सोशल मीडिया पर भी तुरंत वायरल कर दिया. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि रसाल सिंह सोमवार को बीएसपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं और लहार विधानसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ सकते हैं.

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