CM Mohan Yadav: सीएम मोहन यादव को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से विभागों के बंटवारे की हरी झंडी मिल गई है. बीती रात उनकी मुलाकात गृहमंत्री अमित शाह से हुई है, जिसमें तय किया गया है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग दिया जाना है. लेकिन सबसे रोचक चर्चा इस बात की है कि खुद सीएम मोहन यादव के पास कौन से विभाग रहेंगे. सूत्र बता रहे हैं कि सबसे टॉप विभाग मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद अपने पास रख सकते हैं.
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इसकी बड़ी वजह गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश भी हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का ऐसा मानना है कि जो सबसे महत्वपूर्ण विभाग हैं, उनको सीएम को ही अपने पास रखना चाहिए. हालांकि ये अभी सिर्फ चर्चा है, लेकिन इसे लेकर काफी गहमागहमी राजधानी भोपाल में भी देखी जा रही है.
सीएम मोहन यादव ने खुद बताया है कि वे अमित शाह से मिले हैं और उनकी मुलाकात के दौरान मध्यप्रदेश के विकास कार्यों के साथ ही विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा हुई है. कुल मिलाकर मध्यप्रदेश के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी दिल्ली से तय हो रहा है. इससे पहले सीएम और डिप्टी सीएम का चुनाव, उसके बाद 28 मंत्रियों का चुनाव भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली में बैठकर तय किया गया था.
इन टॉप विभागों के सीएम मोहन यादव के पास रहने की संभावना
सूत्र बता रहे हैं कि गृह, वित्त, शिक्षा और जनसंपर्क विभाग सीएम मोहन यादव के पास रह सकते हैं. हालांकि इसमें थोड़ा संदेह भी है कि गृह, वित्त और शिक्षा तीनों ही बड़े पोर्टफोलियो हैं, ऐसे में तीनों का एक ही व्यक्ति के पास रहना मुश्किल लग रहा है लेकिन चर्चा बहुत तेज है कि गृह, वित्त और शिक्षा तीनों ही मुख्यमंत्री के पास रहेंगे. जनसंपर्क मंत्रालय अमूमन सीएम के पास रहता है. लंबे समय तक पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी जनसंपर्क मंत्रालय अपने पास रखा था. हालांकि उनके आखिरी कार्यकाल में ये मंत्रालय राजेंद्र शुक्ल को दे दिया गया था जो मोहन यादव सरकार में इस समय डिप्टी सीएम बनाए गए हैं.
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