MP Election 2023: भाई बहन के पवित्र त्योहार रक्षाबंधन के दिन भोपाल में सीएम हाउस के बाहर सड़क पर एक गवर्नमेंट ठेकेदार अपनी पत्नी के संग धरने पर बैठ गया. ठेकेदार ने अपने धरने का वीडियो वायरल करते हुए कहा है कि अगर आज (बुधवार) शाम तक उनके द्वारा किए गए कामों के भुगतान को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ तो वह पत्नी के साथ आत्महत्या कर लेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. ठेकेदार संजय मिश्रा ने इस पूरे घटना का वीडियो बनाया और इसे वायरल कर दिया है. इसमें वह कहते दिखाई दे रहे हैं कि भुगतान करने के बजाय उन्हें थाने में भेजने और जेल में बंद करने की धमकी दी जा रही है.
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पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इस मामले में ट्वीट करके शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है. कमलनाथ ने कहा- “मध्य प्रदेश में चल रहा 50% कमीशन राज अब सभी हदें पार कर गया है. ग्वालियर के एक ठेकेदार आज मुख्यमंत्री आवास के बाहर अपनी पत्नी सहित धरने पर बैठे हैं और उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी तक दी है.”
ठेकेदार ने सुनाया अपना दर्द
धरने पर बैठे ठेकेदार इसका वीडियो बनवा रहे हैं, इसमें वह बताते जा रहे हैं कि हम यहां पर त्योहार के दिन धरने पर बैठे हैं, लेकिन हमें पुलिस और प्रशासन परेशान कर रहा है. ठेकेदार कह रहे हैं कि ‘मुख्यमंत्री के पास लाड़ली बहना के लिए पैसे बांटने को उपलब्ध है, लेकिन काम के बदले भुगतान मांग रहे ठेकेदारों को पैसा नहीं दिया जा रहा है. मिश्रा बता रहे हैं उनके द्वारा गुना और नीमच लोक निर्माण संभाग में किए गए काम का भुगतान मांगा जा रहा है, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. पीडब्ल्यूडी भुगतान नहीं कर रहा है.
ठेकेदार ने कहा कि वह वे गवर्नमेंट कांट्रेक्टर हैं और पिछले 18 महीने से उनके द्वारा किए गए काम का भुगतान नहीं हुआ है. वह पहले भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने के बाद आज रक्षाबंधन के दिन मुख्यमंत्री निवास के बाहर अपनी पत्नी के साथ में आए हैं. धरने पर बैठे हैं.
कमलनाथ ने कहा- 50% कमीशन राज अब सभी हदें पार कर गया
कमलनाथ ने इस मामले में ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा- “मध्य प्रदेश में चल रहा 50% कमीशन राज अब सभी हदें पार कर गया है। ग्वालियर के एक ठेकेदार आज मुख्यमंत्री आवास के बाहर अपनी पत्नी सहित धरने पर बैठे हैं और उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी तक दी है. उनका सीधा कहना है कि 50% कमीशन मांगे जाने के कारण वह पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं और बार-बार आग्रह करने के बावजूद ना तो कोई अधिकारी और ना ही मुख्यमंत्री उनकी बात सुन रहे हैं.”
कमलनाथ ने कहा- ‘यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले ग्वालियर के ही एक ठेकेदार ने उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर 50% कमीशन का आरोप लगाया था. लेकिन उस व्यक्ति को न्याय दिलाने की जगह आवाज उठाने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार सक्रिय हुई. उसके बाद रीवा के एक ठेकेदार ने गौशाला निर्माण में 50% कमीशन का आरोप लगाया. उस मामले पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.’
व्यापमं घोटाले के आरोपियों को भी सरकार ने दिया था संरक्षण
कमलनाथ ने आगे कहा- “मैं देख रहा हूं कि शिवराज सरकार ने इसी तरह से व्यापम घोटाले में अपराधियों को संरक्षण दिया था और तब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी, जब तक करीब 50 निर्दोष लोगों की संदिग्ध मृत्यु नहीं हो गई और सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया. मध्य प्रदेश का 50% कमीशन राज अब सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाला नहीं बचा है, यह मध्य प्रदेश के ईमानदार ठेकेदारों और अधिकारियों के लिए जानलेवा संकट बनता जा रहा है.
जो मुख्यमंत्री अपने दरवाजे पर आए हुए व्यक्ति की फरियाद नहीं सुन सकता उससे हम न्याय की क्या उम्मीद रखें?
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