दिग्विजय सिंह ने बता दिया, कांग्रेस क्यों नहीं जा रही अयोध्या, BJP पर लगाए ये बड़े आरोप

एमपी तक

11 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 11 2024 1:55 PM)

कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि कांग्रेस आखिर इस समारोह में क्यों नहीं जा रही है और बीजेपी असल में करना क्या चाहती है.

Digvijay Singh, Rajdeep Sardesai Interview, Digvijay Singh Interview, MP Politics, Ram Mandir, Congress

Digvijay Singh, Rajdeep Sardesai Interview, Digvijay Singh Interview, MP Politics, Ram Mandir, Congress

follow google news

Digvijay Singh Interview: कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न जाने का जो निर्णय लिया है, उस पर देश में खूब राजनीति हो रही है. बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर है और उसे एंटी हिंदू और एंटी राम मंदिर बताने और दिखाने की पूरी कोशिशें की जा रही हैं. ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने इंडिया टुडे ग्रुप के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि कांग्रेस आखिर इस समारोह में क्यों नहीं जा रही है और बीजेपी असल में करना क्या चाहती है, उसे लेकर कई गंभीर आरोप भी दिग्विजय सिंह ने लगाए. प्रस्तुत हैं इंटरव्यू के संपादित अंश.

यह भी पढ़ें...

इंडिया टुडे– राम मंदिर के समारोह में कांग्रेस का ना जाना क्या गलत फैसला है, क्या ये एंटी हिंदू फैसला है?
दिग्विजय सिंह– कांग्रेस पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. इसलिए ना तो हिंदू और न ही किसी अन्य धर्म की विरोधी है. कांग्रेस ने कभी भी धर्म का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं किया है. ये लोग छुपकर औवेसी से समझौता करते हैं और बाहर कुछ और बोलते हैं. हम लोग धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं करते, वोट मांगने में नहीं करते.

इंडिया टुडे– लेकिन कमलनाथ तो खुद को हनुमान भक्त बोलते हैं?
दिग्विजय सिंह- इसमें क्या दिक्कत है. मैं राम भक्त हूं, वो हनुमान भक्त हैं, इसमें क्या गलत है. लेकिन धर्म के नाम पर वोट मांगना गलत है और कानून के खिलाफ है.

इंडिया टुडे- – बीजेपी साफ कहती है कि राम मंदिर उनके मेनीफेस्टो में है?
दिग्विजय सिंह– राम मंदिर कभी उनके एजेंडे में नहीं था , बीजेपी जब दो सीटों पर सिमट गई थी. 1985 के इलेक्शन के बाद उनके एजेंडे में राम मंदिर आया. उससे पहले वे गांधीवादी तरीके पर थे और उसके कारण वे भारतीय राजनीति में सिमट गए थे तो उसके बाद वे राम मंदिर और धर्म की राजनीति को एजेंडे पर लेकर आए.

इंडिया टुडे- तो वो असली कारण कौन से हैं, जिनकी वजह से कांग्रेस अयोध्या नहीं जा रही है?
दिग्विजय सिंह- दो कारण हैं. किसी भी अपूर्ण मंदिर के अंदर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा गलत है. जितने भी स्थापित धर्मगुरु हैं, चाहे किसी भी संप्रदाय के हो, किसी ने भी इस प्रक्रिया को और इसके राजनीतिकरण को सही नहीं ठहराया. वहां निर्मोही अखाड़ा सेवा करता रहा लेकिन उनको हटाकर विहिप के लोग बैठ गए और चंपत राय जैसा आदमी जिसने वहां घोटाला किया, वो हमें ज्ञान दे रहा है. शंकराचार्यों को चुनौती दे रहा है.

इंडिया टुडे- लेकिन कांग्रेस क्या इसलिए नहीं जा रही है कि मंदिर निर्माण बीजेपी का पॉलीटिकल एजेंडा बन गया है?
दिग्विजय सिंह– ये तो उनके एजेंडे में बहुत पहले से है. लेकिन बीजेपी की ये प्रक्रिया सनातन धर्म और लोकतंत्र निर्माण दोनों के लिए चुनौती है.

इंडिया टुडे– इतने सालों के बाद मंदिर स्थापित हो रहा है तो उसमें क्या दिक्कत है?
दिग्विजय सिंह- देखिए, निमंत्रण हमको जहां से मिल रहा है, वो ट्रस्ट में कौन लोग हैं. चंपत राय कौन हैं. भाजपा के पटना उम्मीदवार वहां क्या कर रहे हैं. रामालय ट्रस्ट, धर्मगुरु, शंकराचार्य इनको काम क्यों नहीं सौंपा गया है. महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे को छोड़कर ये लोग धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं.

इंडिया टुडे-– कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं का कहना है कि वहां नहीं जाने का फैसला गलत है?
दिग्विजय सिंह- आप गलतफहमी में हैं. कांग्रेस पार्टी ने सोच-समझकर फैसला लिया है. अभी इस समय प्राण प्रतिष्ठा गलत है, क्योंकि मंदिर अपूर्ण हैं. शंकराचार्य कोई भी नहीं जा रहे हैं. राम मंदिर आंदोलन में जो शहीद हुए हैं, वो कहां हैं. घोटालेबाज सर्वेसर्वा हो गए हैं. ये धार्मिक परंपरा पर हमला है भाजपा का. शास्त्रों के विपरीत काम कर रहे हैं ये लोग.

इंडिया टुडे–  क्या आपको नहीं लगता कि बीजेपी इस मुद्दे को भुना सकती है कि कांग्रेस एंटी हिंदू है?
दिग्विजय सिंह- जब मस्जिद गिराई थी तो हिमाचल व अन्य राज्यों में चुनाव हुए और कांग्रेस जीती थी. राम मंदिर से हमें ऐतराज नहीं है, मैं अयोध्या कई बार गया हूं. ओरछा के राम दरबार में दिनभर विराजते हैं भगवान राम और रात को अयोध्या आते हैं. हम तो राम भक्त थे, हैं और रहेंगे. लेकिन जिस प्रकार से उनका राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है, हम उसके खिलाफ हैं.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस को भी हो गया बुलडोजर से प्यार, जीतू पटवारी को खुश करने ये क्या कर बैठे समर्थक

    follow google newsfollow whatsapp