MP Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपनी हारी हुई 39 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी करके सबको चौंका दिया था. उसके बाद से सबकी नजरें कांग्रेस पर हैं कि वे अपने उम्मीदवारों की सूची कब जारी करेंगे. मीडिया में कांग्रेस की पहली सूची जारी होने को लेकर कई तरह की अटकले लगाई जा रही हैं. लेकिन कांग्रेस इन कयासों से दूर फिलहाल सूची जारी करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है.
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कांग्रेस ने इसके लिए अलग ही तरह की रणनीति पर काम करना शुरू किया है. आखिर क्या है वो रणनीति और कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने में देरी क्यों करना चाहती है? ऐसे तमाम मुद्दों पर MP Tak ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा भी कर दिया कि आखिर कांग्रेस कब उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगी.
स्क्रीनिंग कमेटी के बनने में हुई देरी
डॉ. गोविंद सिंह बताते हैं कि स्क्रीनिंग कमेटी के बनने में देरी हुई है. आगामी 2 सितंबर को स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बार बैठक होगी. संभावना जताई जा रही थी कि इसमें कांग्रेस उन 4 हजार आवेदनों पर विचार करेगी, जिसमें नेताओं ने विभिन्न सीटों पर टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश की है, लेकिन डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी की पहली बैठक में टिकट के दावेदारों पर फिलहाल कोई विचार नहीं होगा. यह एक औपचारिक बैठक ही रहेगी, लेकिन इसमें दावेदारों के नाम फाइनल नहीं होंगे.
CWC की मुहर के बाद तय होंगे उम्मीदवारों के नाम
डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि पहले स्क्रीनिंग कमेटी टिकट के दावेदारों के नाम फाइनल करेगी और उसके बाद उस सूची को कांग्रेस वर्किंग कमेटी को भेजा जाएगा. जब पूरी तरह से हाईकमान भेजी गई सूची से संतुष्ट होगा, उसके बाद ही टिकट फाइनल किए जाएंगे. इतना सबकुछ करने में अभी काफी वक्त लगेगा और हर हाल में यह सूची 15 सितंबर से पहले जारी नहीं होगी.
डॉ. गोविंद सिंह के अनुसार पहली सूची को फाइनल करने में अभी पूरा सितंबर महीना लग जाएगा. यदि सब कुछ समय पर हो भी जाता है तो भी कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची सितंबर महीने के आखिरी सप्ताह में या फिर अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में ही जारी हो सकेगी.
कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी अमीर पार्टी: गोविंद सिंह
डॉ. गोविंद सिंह बताते हैं कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना पड़ रहा है कि कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी अमीर पार्टी है. उनके पास फंड की कोई कमी नहीं है. हर पार्टी चुनाव लड़ने अपने उम्मीदवारों को एक निर्धारित फंड भी देती है. बीजेपी की मध्यप्रदेश में 18 साल से सरकार है और उनके पास फंड की कोई कमी नहीं है. लेकिन कांग्रेस के पास सीमित संसाधन हैं तो ऐसे में हमें किस उम्मीदवार को कितना फंड देना है, उस पर भी विचार करना पड़ रहा है. इस पर विचार करने के बाद ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कांग्रेस कर पाएगी.
बीजेपी में जो बवंडर हुआ, कांग्रेस उससे बचना चाहती है
डॉ. गोविंद सिंह एमपी तक को बताते हैं कि बीजेपी ने अपने 39 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की, उसमें 12 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर विरोध हो गया. बीजेपी अब इन विरोध करने वालों को मनाने में लगी है. कांग्रेस ऐसी किसी भी परिस्थिति से बचना चाहती है. हम चाहते हैं कि जिनके भी नामों की घोषणा की जाए, उस पर सर्वसम्मति बने. हाईकमान के साथ-साथ कांग्रेस की लोकल बॉडी भी उस नाम पर एकराय हो. इसलिए हम लोग बहुत सोच समझकर और आम सहमति के साथ अपने उम्मीदवारों को टिकट देंगे और उसी के बाद उनकी सूची जारी करेंगे.
नेता प्रतिपक्ष के क्षेत्र में UP के विधायक कर रहे हिंदुत्व की बात
मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह कहते हैं कि यूपी के विधायक और आरएसएस के 200 कार्यकर्ता मेरी विधानसभा क्षेत्र के एक-एक घर में जाकर वोटरों को हिंदुत्व के नाम पर बरगला रहे हैं. वे आगामी चुनाव की कोई बात नहीं कर रहे हैं, वे वोटर्स को सिर्फ हिंदुत्व के नाम पर एकजुट होने और उसी हिसाब से राजनीतिक निर्णय करने की बातें कर रहे हैं. डॉ. गोविंद सिंह आगे कहते हैं कि मैं बीजेपी की इस रणनीति से डरा नहीं हूं, इनको सही जवाब मेरी लहार विधानसभा क्षेत्र की जनता चुनाव में देगी.
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