MP Election 2023: उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह इन दिनों मध्यप्रदेश की राजनीति में भी चर्चित हो गए हैं. सुलखान सिंह ने पुलिस सेवा से रिटायरमेंट के बाद राजनीति में उतरने का फैसला किया है. उन्होंने बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी बनाई है. जिसका मकसद है, यूपी और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के इलाकों को एक करना और उन्हें मिलाकर एक अलग बुंदेलखंड राज्य की स्थापना करना. इसे लेकर सुलखान सिंह ने अपना एक रोडमैप भी प्रस्तुत किया है.
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साल 2017 में यूपी में योगी सरकार आने के बाद DGP बनाए गए थे सुलखान सिंह. अब वे रिटायर हो चुके हैं और ऐसे में उन्होंने राजनीति में उतरने का फैसला किया है. उन्होंने इसकी शुरूआत अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग के साथ की है और इसलिए वे अपनी एक अलग राजनीतिक पार्टी बनाकर इस मैदान में उतरे हैं.
सुलखान सिंह ने जो रोडमैप सामने रखा है, उसमें उन्होंने यूपी और एमपी के 15 जिलों को मिलाकर एक राज्य बनाने का प्रस्ताव रखा है. इसमें यूपी के 7 जिले झांसी, बांदा, हमीरपुर,चित्रकूट, ललितपुर,जालौन, महोबा को शामिल किया गया है और एमपी के 8 जिले दमोह, पन्ना, सागर, छतरपुर,दतिया,निवाड़ी, टीकमगढ़,अशोकनगर जिले को मिलाकर बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग उठाई गई है.
अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग क्यों?
सुलखान सिंह का कहना है कि बुंदेलखंड का इलाका यूपी और एमपी में विभाजित कर देने से यहां का क्षेत्रीय विकास प्रभावित हुआ है. बुंदेली संस्कृति यूपी और एमपी की विभिन्न संस्कृतियों से अलग है और यहां विकास कार्यों को परवान चढ़ाने के लिए जरूरी है कि यहां पर एक अलग बुंदेलखंड राज्य बनाया जाए, जिससे बुंदेलखंडी लोगों का विकास सुनिश्चित किया जा सके. आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है कि जब अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाई गई है. इस मांग को बीजेपी नेता रह चुके और फिल्म एक्टर राजा बुंदेला ने भी पूर्व में उठाया था और इसे लेकर एक मूवमेंट भी चलाई थी. लेकिन उनके ये प्रयास रंग नहीं ला सके और अब यूपी के पूर्व डीजीपी इस मकसद के लिए एक अलग राजनीतिक दल लेकर सामने आए हैं.
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