सिंधिया की मामी के खिलाफ ‘अपनों’ ने खोला मोर्चा, पार्टी के ये दिग्गज उतरे सड़कों पर

एमपी तक

22 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 22 2023 6:56 AM)

MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुये बीजेपी ने अपनी पांचवी सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट के सामने आने के बाद से ही बीजेपी में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जबलपुर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के सामने बीजेपी और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की […]

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुये बीजेपी ने अपनी पांचवी सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट के सामने आने के बाद से ही बीजेपी में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जबलपुर में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के सामने बीजेपी और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. तो वहीं ग्वालियर में नई बीजेपी और पुरानी बीजेपी आमने-सामने आ गई है. विधानसभा सीट ग्वालियर पूर्व से माया सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही विरेाध थमने का नाम नहीं ले रहा है. कार्यकर्ताओं का आरेाप है कि अब बीजेपी में परिवारवाद की पराकाष्ठा पार हो चुकी है.

भाजपा प्रत्याशी माया सिंह के खिलाफ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बाल सखा और कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त रहे जय सिंह ने मोर्चा खोल दिया है. जय सिंह ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और एमपी तक से बातचीत में भाजपा प्रत्याशी माया सिंह, सिंधिया परिवार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

इसके साथ ही सिंधिया के कट्टर समर्थक पूर्व विधायक एवं ग्वालियर पूर्व से टिकट के दावेदार मुन्नालाल गोयल ने भी मोर्चा खोल दिया है. मुन्ना गोयल के समर्थकों ने जय विलास पैलेस परिसर के बाहर जमकर हंगामा मचाया.

क्या है सिंधिया का माया सिंह से रिश्ता?

राजमाता विजयाराजे सिंधिया के भाई ध्यानेंद्र सिंह हैं, उनकी ही पत्नी हैं माया सिंह, इस रिश्तें के नाते पूरी पार्टी में ध्यानेंद्र सिंह को लोग मामा तो वहीं माया सिंह को मामी के नाम से पुकारते हैं. रिश्ते में माया सिंह स्व. माधवराव सिंधिया की मामी लगती हैं. इस लिहाज से पार्टी में लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया की मामी के नाम से ही जानते हैं.

माया सिंह अभी भी जय विलास पैलेस में ही निवास करती हैं. कुल मिलाकर माया सिंह बीजेपी की तरफ से महल की राजनीति करती हैं. माया सिंह को पार्टी ने इसके पहले भी कई पदों नवाजा है. जिनमें पार्टी ने उन्हें पहले ग्वालियर पूर्व से इसके पहले भी कई बार प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा राज्यसभा सांसद और ग्वालियर की महापौर भी रही हैं. वे प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री भी रह चुकी हैं. पार्टी द्वारा लगातार मिल रहे मौके के कारण अब पुराने कार्यकर्ताओं में गुस्सा और भारी आक्रोश देखा जा रहा है. अब तक ये आक्रोश केवल चार दीवारी के बीच था, लेकिन अब ये गुस्सा साफ तौर पर सड़कों पर देखा जा सकता है.

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सिंधिया का कट्टर समर्थक उतरा विरोध में

ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी ग्वालियर पूर्व से पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल को अपना प्रत्याशी बना सकती है. पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल इस विधानसभा सीट से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें एक बार हार तो वहीं एक बार जीत मिली थी. टिकट घोषित होने के बाद मुन्ना लाल गोयल के समर्थकों ने जय विलास पैलेस के बाहर जमकर हंगामा किया. समर्थकों की मांग है कि उन्हें एक बार ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करने दी जाए, लेकिन अभी तक गोयल की मुलाकात सिंधिया से नहीं हो पाई है. आपको बता दें गोयल भी सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये थे.

नरेंद्र सिंह तोमर के बाल सखा ने छोड़ा पार्टी का दामन

नरेंद्र सिंह तोमर और उनके बाल सखा माने जाने वाले जय सिंह ने कल देर शाम भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख पदों से इस्तीफा दे दिया है. सिंह ने पार्टी पर परिवारवाद के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने MPTAK से खास बातचीत के दौरान कहा “एक ही परिवार को पार्टी ने 12 बार टिकिट दिया है. ऐसे में हम जैसे मूल कार्यकर्ता कहां जाएंगे? मैं शुरू से ही इस परिवारवाद के खिलाफ रहा हूं, पहले पार्टी ने इनके पति को मौका दिया और अब माया सिंह को दिया है. जय सिंह के तेवर देखकर ऐसा लगता है कि वे शायद इस विधानसभा चुनाव में मैदान में हो सकते हैं. तो वहीं राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं हैं कि इसके पीछे नरेंद्र सिंह तोमर का सपोर्ट भी हो सकता है.

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इनपुट- सर्वेश पुराहित और हेमंत शर्मा

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