Mahakal Lok: मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल लोक (Mahakal Lok) में गर्मियों में हवाओं में धराशायी हुई सप्तऋषि की मूर्तियां (Idols of Saptarishi) फिर लगाई जाएंगी. सप्तऋषि की सातों मूर्तियां बीते सोमवार को मुंबई (Mumbai) से बनकर उज्जैन (Ujjain News) पहुंचीं. मूर्तियों को महाकाल लोक में उनकी जगह पर लगाया गया है और फिलहाल कपड़े से कवर कर दिया गया है. श्रद्धालुओं को अभी मूर्तियों के पास जाने की अनुमति नहीं है. बताया जा रहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान इनका अनावरण करेंगे.
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दरअसल ढाई महीने पहले 28 मई को आए तूफान में सप्तऋषि की 7 में से 5 मूर्तियां गिरकर खंडित हो गई थीं. मूर्तियां गिरने के बाद महाकाल लोक प्रोजेक्ट के कामकाज पर सवाल खड़े हो गए थे. मूर्तियों का गिरना देशभर चर्चा का विषय बन गया था. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नई मूर्तियां बनवाने की घोषणा की थी. असल में, पहले इन्हें ही रिपेयर कर लगाने का प्लान था. बाद में CM ने नई मूर्तियां बनवाने के निर्देश दिए थे.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासन ने मूर्तियां बनाने वाली एजेंसी के खर्च पर ही नई प्रतिमाएं तैयार कराई हैं. 20 अगस्त से पहले इनकी प्राण प्रतिष्ठा होने की संभावना जताई जा रही है. मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. नई मूर्तियों के ज्यादा मजबूती होने का दावा किया जा रहा है, हालांकि ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि वह मजबूत हैं या नहीं. स्टैंड पर इन्हें लोहे की रॉड और सीमेंट-कंक्रीट मटेरियल से स्थापित किया गया है.
कांग्रेस ने मूर्तियां गिरने को बनाया बड़ा मुद्दा
कांग्रेस ने महाकाल लोक में सप्तऋषि की मूर्तियों के गिरने को बड़ा मुद्दा बनाया था. कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए मूर्तियों में इस्तेमाल की गई सामग्री को घटिया करार दिया था. कांग्रेस की एक कमेटी ने इसका मौका मुआयना भी किया था. PCC चीफ कमलनाथ ने जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई थी. कांग्रेस का जांच दल विशेषज्ञ तौर पर मूर्तिकारों और तकनीकी एक्सपर्ट्स को अपने साथ महाकाल लोक ले गए थे. जांच के बाद भोपाल में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
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