CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश में काफी इंतजार के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया. दिल्ली में आलाकमान से चर्चा के बाद आखिरकार सीएम मोहन यादव ने कैबिनेट के मंत्रियों को विभाग बांट दिए, इस बंटवारे में संतुलन साधने का प्रयास किया गया है. पहले बीजेपी ने चौंकाते हुए नए विधायकों को मंत्री बनाया, इसके बाद बंटवारे में भी इन मंत्रियों को काम करने का मौका दिया गया.
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सीएम मोहन यादव ने संभावनाओं से उलट जहां कैलाश विजयवर्गीय को नगरीय विकास एवं आवास विभाग दिया. चर्चा इस बात की थी कि विजयवर्गीय को गृह मंत्रालय दिया जा सकता है, लेकिन ये विभाग खुद सीएम ने अपने पास रखा है. वहीं प्रहलाद सिंह पटेल को भी बड़ा पोर्टफोलियो देने की चर्चा थी, लेकिन उन्हें ग्रामीण विकास विभाग दिया गया है. वहीं, कद्दावर नेता राकेश सिंह को पीडब्ल्यूडी देकर संतुलन साधने की कोशिश की गई है.
…तो क्या सीएम और डिप्टी सीएम सबसे ज्यादा ताकतवर?
पोर्टफोलियो बांटने के बाद अब चर्चा इस बात की है कि क्या मंत्रिमंडल में सबसे ताकतवर सीएम मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा हैं. क्योंकि महत्वपूर्ण गृह एवं जेल विभाग के साथ ही जनसंपर्क भी सीएम ने खुद अपने पास रखा है. इसके साथ ही डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल को लोक स्वास्थ्य के साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग का जिम्मा भी सौंपा गया है. वहीं डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को वित्त से जुड़ी सारी जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
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वित्तीय प्रबंधन का दारोमदार फिर जगदीश देवड़ा के ऊपर रहेगा. शिवराज सरकार में भी देवड़ा ने किसी विभाग को राशि का संकट नहीं आने दिया. बता दें कि विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट का काम भी कैलाश विजयवर्गीय को दिया गया है. यानि कि उनके पास संसदीय कार्य का जिम्मा दिया गया है. शिवराज सरकार में वन विभाग के मंत्री रहे विजय शाह का पोर्टफोलियाे बदल दिया गया है. पिछले दिनों वे विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पार्टी की थी.
अब वन विभाग नागर सिंह चौहान को दिया है. वे अनुसूचित जाति कल्याण का काम भी देखेंगे. तुलसीराम सिलावट और प्रद्युम्न सिंह तोमर को फिर वही विभाग मिले हैं, जो शिवराज सरकार में उनके पास थे. गोविंद सिंह राजपूत को भी उनका पुराना विभाग यानी खाद्य नागरिक आपूर्ति दिया गया है.
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राकेश सिंह को PWD की जिम्मेदारी
प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के काम और विकास तेजी से चल रहा है, केंद्र सरकार की कई परियोजनाएं चल रही हैं. संकल्प पत्र में भी अधोसंरचना विकास पर जोर दिया है. इसे गति देने का काम पहली बार विधायक बने राकेश सिंह को दिया गया है. उन्हें लोक निर्माण विभाग का दायित्व दिया गया है. इंदर सिंह परमार को स्कूल शिक्षा के बाद अब उच्च शिक्षा, आयुष और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में काम दिया गया है. शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा का दायित्व डा.मोहन यादव के पास था और उनके रहते ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में था.
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मोहन के पूर्ववर्ती शिवराज ने बांटे थे जनसंपर्क और गृह
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सामान्य प्रशासन के साथ ही जनसंपर्क विभाग और कानून-व्यवस्था को देखते हुए गृह विभाग और जेल भी अपने पास ही रखे हैं. दरअसल, सरकार का फोकस कानून व्यवस्था के साथ-साथ औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर बनाने पर है, इसलिए सीएम ने गृह और उद्योग विभाग उन्होंने अपने पास रखे हैं. वहीं जनसंपर्क विभाग भी इस बार उन्होंने अपने पास रखा है. इससे पहले शिवराज सरकार में जनसंपर्क मंत्री और गृह विभाग दूसरे मंत्रियों को सौंपा गया था.
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