MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में कांग्रेस की लंबे इंतजार के बाद आई पहली लिस्ट ने जहां हलचल मचा रखी है. वहीं, एक वायरल चिट्ठी ने मध्य प्रदेश की सियासत को गरमा दिया. दरअसल, ये कोई सामान्य लेटर नहीं था, बल्कि पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के पार्टी से इस्तीफे का पत्र था. ये खबर आग की तरह फैली, लेकिन उनके त्यागपत्र देने की खबर झूठी निकली और अब दिग्विजय सिंह ने सफाई दी है, उन्होंने इस खबर का खंडन करते हुए कहा- “यह भाजपा का फैलाया झूठ है. मैं मामले की पुलिस से शिकायत करवा रहा हूं.”
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खबर का खंडन करने के बाद दिग्विजय सिंह ने डीजीपी को प्रेषित आवेदन देकर कहा ‘क्या आप इन झूठे लोगों पर FIR दर्ज़ करेंगे?’ उन्होंने बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी पर षडयंत्र करने का आरोप लगाया है. पत्र को कूटरचित बताते हुए एफआईआर की मांग की है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की खबर झूठी निकली. दरअसल, दिग्विजय के इस्तीफे से जुड़ा एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हालांकि, कुछ देर बाद ही दिग्विजय ने इस खबर का खंडन करते हुए एक्स पर एक पोस्ट की और कहा- “भाजपा झूठ बोलने में माहिर है. मैंने 1971 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी. पद के लिए नहीं बल्कि विचारधारा से प्रभावित हो कर जुड़ा था और जीवन की आख़िरी सांस तक कांग्रेस में रहूंगा. इस झूठ की मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कर रहा हूं.”
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कमलनाथ का लिस्ट को लेकर बीजेपी पर हमला
कांग्रेस की लिस्ट पर कमनलाथ ने कहा कि कांग्रेस की लिस्ट सही मायनों में लोकतांत्रिक है, क्योंकि ये संगठन के सबसे अंतिम स्तर तक की सलाह को सम्मान देते हुए बनी है. इसकी दिशा लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप नीचे से ऊपर की ओर है. जबकि भाजपा की लिस्ट ऊपर से नीचे थोपी गयी है. ये एकाधिकारिता के अहंकार से चुनाव लड़ने का आदेश है और ज़मीनी कार्यकर्ताओं का अपमान, इन अर्थों में भाजपा की सूची अलोकतांत्रिक है.
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कांग्रेस ने जारी कर दी 144 उम्मीदवारों की लिस्ट
इससे पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी की थी. इसमें 144 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गय था. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बार फिर छिंदवाड़ा सीट से मैदान में होंगे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह राघोगढ़ से मैदान में होंगे. जयवर्धन सिंह कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह भी एक बार फिर से चाचौड़ा विधानसभा से किस्मत आजमाएंगे.
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