BJP CEC meeting: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बड़ी बैठक शाम 6 बजे दिल्ली में होनी है. इस बैठक में बीजेपी की पांचवी सूची जारी करने के लिए उम्मीदवारों के नामों का चयन किया जाएगा. बीजेपी के सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रह सकते हैं. बीजेपी ने अब तक 136 सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैं और 94 सीटों पर अभी उम्मीदवार घोषित करने हैं. लेकिन इन 94 में से 38 सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों के चयन को लेकर उलझी हुई है. इसमें शिवपुरी सीट भी शामिल है.
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बीजेपी सीईसी की इस मीटिंग में ही आज ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाग्य का भी फैसला हो जाएगा. बीजेपी ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी केंद्रीय मंत्री और सांसद चुनावी मैदान में उतार दिए हैं.
अब सबकी नजर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लगी हुई है. सभी की जुबां पर एक ही सवाल है कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी विधानसभा चुनाव लड़ाने जा रही है. अगर इसका जवाब हां है तो वो कौन सी सीट है, जिस पर सिंधिया को टिकट दिया जा सकता है. इसका फैसला इसी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होना है.
तो कुल मिलाकर सिंधिया को लेकर चल रही सभी अटकलों के जवाब आज मिल जाएंगे. अब से कुछ ही देर में दिल्ली में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शुरू होना है. इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मप्र चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई बड़े दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे.
शिवपुरी को लेकर फंस गया है पेंच
कांग्रेस की दूसरी सूची आने के बाद बीजेपी शेष बचीं 94 सीटों में से 38 सीटों पर उलझ गई है. बीजेपी से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि 38 ऐसी सीटें हैं, जिन पर बीजेपी को प्रत्याशियों के चयन में मुश्किल आ रही है, क्योंकि ये वे सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस मजबूत हालत में है और बीजेपी के पास अपेक्षाकृत कमजोर उम्मीदवार हैं. ऐसे में बीजेपी इन सीटों पर बड़ा दांव चलने की तैयारी कर रही है.
ऐसी ही एक सीट है शिवपुरी विधानसभा सीट. बीते कुछ दिनों से लगातार ये चर्चाएं चल रही हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी शिवपुरी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है. लेकिन कांग्रेस ने यहां बड़ा खेल कर दिया है. केपी सिंह जैसे कद्दावर नेता को कांग्रेस ने यहां खड़ा किया है और कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार केपी सिंह ने जिद करके पिछोर की अपनी परंपरागत सीट को छोड़कर शिवपुरी सीट का चयन किया है.
यानी स्पष्ट है कि सिंधिया की घेराबंदी करने कांग्रेस ने एक बड़ी रणनीति तैयार की है, यही वजह है कि कमलनाथ की हां के बाद भी इस सीट पर बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने वाले वीरेंद्र रघुवंशी को पार्टी ने टिकट नहीं दिया.
सिंधिया के लिए सेफ सीट नहीं?
सूत्रों के अनुसार बीजेपी पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए सुरक्षित सीट की तलाश कर रही थी. इसलिए शिवपुरी सीट को चिन्हित भी किया गया था और यही कारण है कि यहां पर लगातार जीत रहीं बीजेपी नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करके सीट खाली कर दी थी.
लेकिन अब कांग्रेस ने केपी सिंह के रूप में जो रणनीति सामने की है, उसके बाद संभावना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की गुजारिश केंद्रीय नेतृत्व से करें. लेकिन बीजेपी के सूत्र ये भी बता रहे हैं कि खुद बीजेपी का नेतृत्व ये चाहता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़े. अब ये तो केंद्रीय चुनाव समिति की इस होने जा रही बैठक में ही तय होगा कि सिंधिया विधानसभा चुनाव लड़ते हैं या नहीं और यदि लड़ते हैं तो किस सीट से बीजेपी उनको अपना उम्मीदवार बनाती है.
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