MP Election 2023: मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प मोड पर पहुंच गया है. कुछ दिनों पहले तक राजस्व निरीक्षक यानि रेवेन्यू इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ रहे नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के भांजे राहुल सिंह को लेकर कांग्रेस ने बड़ा खेल कर दिया. राहुल सिंह को बीजेपी ने टिकट देकर बीजेपी के खिलाफ ही चुनाव मैदान में उतार दिया. अब वह सत्ताधारी बीजेपी के लिए ही मुसीबत बनेंगे. बता दें कि बीते महीने ही राहुल सिंह को उनकी नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई है.
ADVERTISEMENT
रिश्ते में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के भांजे राहुल सिंह बर्खास्तगी के बाद तुरंत कांग्रेस के टिकट पर प्रत्याशी बनाकर मेहगांव विधानसभा में चुनाव मैदान में उतार दिया है. दरअसल राहुल सिंह भदोरिया कुछ समय पहले तक प्रशासन में रहकर सरकारी कामकाज निपटने का काम करते थे. राहुल सिंह भदोरिया पिछले महीने तक राजस्व निरीक्षक हुआ करते थे. वह मुरैना जिले में अपनी सेवाएं दे रही थे लेकिन उनकी राजनीति में लगातार रुचि बनी हुई थी.
गोविंद सिंह के भांजे हैं राहुल सिंह
राहुल सिंह भदोरिया के मामा डॉक्टर गोविंद सिंह लहार विधानसभा से लगातार सात बार से विधायक चुने जाते रहे हैं. वर्तमान में वे मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. इस वजह से राहुल सिंह भदोरिया का अपने मामा को देखकर शुरू से ही राजनीति में जाने का मन करता था, लेकिन सरकारी सेवा में रहते हुए वैसा नहीं कर पा रहे थे. राहुल सिंह भदोरिया मुरैना से पहले भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा में पदस्थ थे. वे यहां पर पटवारी के पद पर पदस्थ थे. पटवारी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई साल तक मेहगांव में अपनी सेवाएं दी.
ये भी पढ़ें: मध्यप्रदेश का किंग कौन, किसकी बनेगी सरकार? नए सर्वे में BJP बेहाल, जानें कांग्रेस का हाल
लोगों के बीच ऐसे बनाई पैठ
इस दौरान वे लोगों के बीच अपनी पकड़ बनाने में सफल भी रहे. यही वजह रही कि जब राहुल सिंह ने राजनीति में आने का सोचा तो उन्होंने मेहगांव विधानसभा को ही अपनी कर्म भूमि के रूप में चुना. उन्होंने अपने मामा डॉक्टर गोविंद सिंह के माध्यम से कांग्रेस के टिकट हासिल करने के प्रयास शुरू कर दिए. जब राहुल सिंह को ऐसा लगने लगा कि उनका टिकट लगभग फाइनल होने वाला है तो उन्होंने राजस्व निरीक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया. टिकट घोषित होने का समय नजदीक आ गया था लेकिन राहुल सिंह भदोरिया का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था.
ये भी पढ़ें: मालवा-निमाड़ में सीटों पर नहीं बनी बात तो बिगड़ जाएगा BJP का खेल, ताजा सर्वे ने उड़ाए होश!
बर्खास्त होने के बाद मिला कांग्रेस से टिकट
तभी अचानक कलेक्टर मुरैना अंकित अस्थाना को इस बात की जानकारी मिली कि राहुल सिंह भदोरिया पर विभागीय जांच लंबित हैं इसलिए उन्होंने राहुल सिंह भदोरिया का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, लेकिन विभागीय जांच की बात छुपाई जाने को लेकर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की और राहुल सिंह भदोरिया को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया. नौकरी से बर्खास्त होते ही राहुल सिंह भदोरिया को कांग्रेस ने मेहगांव विधानसभा से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसके बाद वे मेहगांव विधानसभा में पहुंच गए और लगातार लोगों के बीच पहुंचकर अपने पक्ष में वोट मांगते नजर आ रहे हैं.
ADVERTISEMENT