भारी कर्ज में डूबी है मध्यप्रदेश सरकार, CAG की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी किए तीखे प्रहार

एमपी तक

06 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 6 2024 1:25 PM)

Kamal Nath: CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश की सरकार भारी कर्ज में डूबी हुई है. पहले से मौजूद कर्ज को पटाने के लिए भी मध्यप्रदेश सरकार को और कर्ज लेना पड़ रहा है. ऐसे हालातों को देखकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर पोस्ट करके वर्तमान मोहन यादव सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं.

सीएम मोहन यादव का चौंकाने वाला बयान

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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भारी कर्ज में डूबी है मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार

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CAG की रिपोर्ट में हुआ है बड़ा खुलासा

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पूर्व सीएम कमलनाथ ने पोस्ट करके किए तीखे प्रहार

Kamal Nath: CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्यप्रदेश की सरकार भारी कर्ज में डूबी हुई है. पहले से मौजूद कर्ज को पटाने के लिए  भी मध्यप्रदेश सरकार को और कर्ज लेना पड़ रहा है. ऐसे हालातों को देखकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर पोस्ट करके वर्तमान मोहन यादव सरकार पर तीखे प्रहार किए हैं.

कमलनाथ ने आरोप लगाए हैं कि राज्य सरकार पर इस समय क़रीब पौने 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है. यदि प्रति व्यक्ति कर्ज़ के लिहाज़ से देखें तो एक साल पहले मध्य प्रदेश के हर नागरिक पर 39 हज़ार रुपया कर्ज़ था, जो इस वर्ष बढ़कर 45 हज़ार रुपया हो गया और मार्च 2025 तक 55 हज़ार रुपया प्रति व्यक्ति कर्ज़ हो जाएगा. राज्य सरकार की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कर्ज़ का ब्याज चुकाने में ख़र्च होता है.

प्रदेश सरकार की इसी कर्ज़ नीति का परिणाम है कि मध्य प्रदेश की जनता  पेट्रोल,डीज़ल,रसोई गैस सिलेंडर और बिजली सबसे ज़्यादा महँगी क़ीमत पर ख़रीदती है. जनता जो टैक्स जमा करती है, उसका इस्तेमाल सरकार कर्ज़ का ब्याज चुकाने में कर रही है. इस भारी भरकम कर्ज़ का उपयोग जनता के कल्याण के बजाए ठेका और कमीशनराज में हो रहा है.

कमलनाथ ने सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर साधा निधाना

कमलनाथ अपनी पोस्ट में लिखते हैं कि मध्य प्रदेश को कर्ज़ के दलदल में इस तरह डुबा दिया गया है कि CAG की रिपोर्ट में भी कर्ज़ के हालात पर चिंता व्यक्त की गई है. हालत यह हो गई है कि कर्ज़ चुकाने के लिए भी कर्ज़ लिया जा रहा है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर प्रदेश को दिवालियापन की तरफ़ धकेला जा रहा है. प्रदेश में अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के बजाए कर्ज़ लेकर काम चलाया जा रहा है.

अगर मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को तेज कर रोज़गार के नए अवसर सृजित करे तथा मौजूदा कृषि एवं अन्य व्यवसाय का आधुनिकीकरण करे तो प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अर्थव्यवस्था में सुधार की बात तो दूर प्रदेश सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था पर है ही नहीं.

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