CM Mohan Yadav: सीएम मोहन यादव बीती रात ही दिल्ली पहुंच चुके थे और रात में दिल्ली में ही रुके. इस दौरान उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी बात पहले ही हो चुकी थी. ये सारी मुलाकातों का मकसद है मध्यप्रदेश के मंत्रियों को विभागों का बंटवारा करना. दरअसल मध्यप्रदेश में किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलना है, उसके लिए सीएम मोहन यादव को हरी झंडी पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही देंगे. इसलिए वे इनसे मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.
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सीएम मोहन यादव ने खुद बताया कि वे अमित शाह से मिले हैं और उनकी मुलाकात के दौरान मध्यप्रदेश के विकास कार्यों के साथ ही विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा हुई है. कुल मिलाकर मध्यप्रदेश के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी दिल्ली से तय हो रहा है. इससे पहले सीएम और डिप्टी सीएम का चुनाव, उसके बाद 28 मंत्रियों का चुनाव भी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली में बैठकर तय किया गया था.
संभावना जताई जा रही है कि शनिवार को सभी मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा. एक पूरी लिस्ट थी सीएम मोहन यादव के पास, जिसे लेकर सीएम मोहन यादव की चर्चा गृहमंत्री अमित शाह से हुई है. किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलना है, यह इस मीटिंग में तय कर दिया गया है. शनिवार को सीएम मोहन यादव के भोपाल लौटते ही मंत्रियों को उनके विभाग देने का ऐलान कर दिया जाएगा.
कांग्रेस ने उठाए बीजेपी पर सवाल
इस दौरान कांग्रेस ने भी बीजेपी पर आरोप लगाए हैं कि मध्यप्रदेश में अब हर काम दिल्ली की अनुमति लेकर ही सीएम मोहन यादव को करना होगा. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंघ सिंघार दोनों का ही कहना है कि मध्यप्रदेश को लेकर सीएम मोहन यादव निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं है, उनको हर निर्णय के लिए दिल्ली की दौड़ लगाना पड़ रही है. इस तरह से मध्यप्रदेश की कमान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथों में ले रखी है.
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