MP Election 2023: उमंग सिंघार ने की आदिवासी CM की मांग, क्या MP में बदलेगा कांग्रेस का फेस?

MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) से पहले सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी को लेकर आदिवासियों (mp tribal voters) के हितेषी बनने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों में रेस चल रही है. हर रोज आदिवासियों को लुभाने के लिए कांग्रेस (mp congress) और भाजपा […]

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) से पहले सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी को लेकर आदिवासियों (mp tribal voters) के हितेषी बनने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों में रेस चल रही है. हर रोज आदिवासियों को लुभाने के लिए कांग्रेस (mp congress) और भाजपा नए-नए वादे कर रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता और गंधवानी के विधायक उमंग सिंघार (umang singhar demand tribal cm) ने आदिवासी मुख्यमंत्री (tribal cm) बनाए जाने की मांग करके प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. इस मांग के बीजेपी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है.

दरअसल सिंघार टंट्या मामा भील की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में बाईक रैली के साथ बदनावर विधानसभा (Assembly Elections) के ग्राम कोद के कोटेश्वर पहुंचे थे. वहां टंट्या मामा की मूर्ति का अनावरण किया. इसके बाद वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासी (tribal cm face mp election 2023) मुख्यमंत्री  बनना चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है. इस बयान के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) ने कहा इस पर कमलनाथ (kamalnath) जी को जवाब देना चाहिए.  

जब तक आदिवासी मुख्यमंत्री नहीं बनता बैठना नहीं- उमंग सिंघार

विधायक उमंग सिंघार ने कहा, “मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब तक मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा तब तक घर नहीं बैठना”. उन्होंने आगे कहा कि आप लोग चाहते हो मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी बने, मेरी बात नहीं कर रहा हूं, मेरे अपने समाज की बात कर रहा हूं. हमारे .समाज का आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए. मैं नेताओं का प्रिय नहीं हूं, मैं आदिवासियों का प्रिय हूं. मैं आपकी बात करता हूं, आपके अधिकार की बात करता हूं. कई नेताओं को मिर्ची लगती है लेकिन डरने वाला आदमी नहीं हूं.

आदिवासियों की कहानी नहीं इतिहास लिखा जाता है

उमंग ने आगे कहा कि इस सीट पर आदिवासियों का शोषण हो रहा है. दत्तीगांव के लोग आपको लूट रहे है. लेकिन आदिवासी तीर रखता, कमान भी रखता है और फालिया भी रखता है, माछलिया घाट से लगाकर बदनावर विधानसभा हमारी है. तो ये बात इस कोटेष्वर से सुन ले, मै उन राजा महाराजा को कहना चाहता हूं. कहानिया तो राजा महाराजा की लिखी जाती है, इतिहास तो आदिवासियों को लिखा जाता है.

कमलनाथ जी को जवाब देना चाहिए- गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा

उमंग सिंघार के बयान के बाद मानों बीजेपी को बैठे बिठाए मौका मिल गया. सिंघार के बयान पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि “कांग्रेस के सीनियर विधायक उमंग सिंघार जी के आदिवासी मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग पर कमलनाथ जी को जवाब देना चाहिए. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते हुए उमंग सिंघार जी ने ही चचाजान दिग्विजय सिंह जी को सबसे बड़ा भ्रष्ट और सबसे बड़ा माफिया बताया था. कांग्रेस ने जिस तरह से आदिवासी समुदाह की उपेक्षा की है. उस पर कमलनाथ जी को जवाब तो देना ही चाहिए”.

उमंग की बुआ ने भी उठाई थी आदिवासी सीएम की मांग

उमंग सिंगार के बयान से प्रदेश में नया राजनीतिक बखेड़ा हो गया है. इससे पहले उमंग सिंगार की बुआ जमुना देवी प्रदेश के दिग्विजय सिंह सरकार में उप-मुख्यमंत्री थीं. भाजपा सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष भी रहीं. वे भी प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग लगातार करती रहीं. ऐसे में उमंग सिंगार ने विधानसभा चुनाव के पूर्व नया दांव खेलते हुए राजनीतिक दलों में हड़कंप मचा दिया है.

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