MP विधानसभा चुनाव बना ‘धर्म’ युद्ध? बीजेपी धीरेंद्र शास्त्री के साथ तो कांग्रेस ले आई इस साध्वी को

MP Politics: मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सॉफ्ट हिंदुत्व का मुकाबला चल रहा है. दोनों राजनीतिक दलों में इस बात की होड़ लगी है कि हिंदुत्व की राजनीति में कौन आगे रहता है. बीजेपी के हिंदुत्व फॉर्मूले को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर […]

Dhirendra Shastri, MP Congress, MP BJP

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MP Politics: मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सॉफ्ट हिंदुत्व का मुकाबला चल रहा है. दोनों राजनीतिक दलों में इस बात की होड़ लगी है कि हिंदुत्व की राजनीति में कौन आगे रहता है. बीजेपी के हिंदुत्व फॉर्मूले को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर कमर कस ली है. बीजेपी जहां बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ खड़े होकर हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश में लगी है तो वहीं कांग्रेस अब एक साध्वी को अपने साथ लेकर आई है जो कांग्रेस के लिए हिंदू वोटरों को उनके पाले में लाने का काम करेंगी.

आम तौर पर खुद को सेकुलर कहने वाली कांग्रेस मध्य प्रदेश की राजनीति में सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर 2018 विधानसभा चुनाव से फ्रंट फुट पर खेल रही है. जहां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कंप्यूटर बाबा का साथ मिला था तो वहीं इस बार कथा वाचक साध्वी रिचा गोस्वामी की मदद कांग्रेस ले रही है.  साध्वी ने कांग्रेस के लिए अलग-अलग विधानसभाओं में जाकर धार्मिक आयोजन करने का बीड़ा उठाया है.

ऋचा गोस्वामी मध्यप्रदेश कांग्रेस की धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ की अध्यक्ष हैं. इंदौर में पैदा हुई रिचा गोस्वामी करीब डेढ़ साल से कांग्रेस के साथ हैं. ऋचा गोस्वामी के तहत आने वाला मध्यप्रदेश कांग्रेस का धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ विधानसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों में सुंदरकांड, भगवदगीता और शिवपुराण का पाठ कराने जा रहा है. हाल ही में कांग्रेस ने रतलाम के एक मामले को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला था और इस दौरान कांग्रेस के धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सहित मध्य प्रदेश के सभी जिला कांग्रेस कार्यालयों में सुंदरकांड पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ करवाया था.

कांग्रेस ने बनाया धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने MP Tak से बात करते हुए बताया कि ‘जब कमलनाथ जी ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिए प्रकोष्ठों की स्थापना की योजना बनाई थी उस समय धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ भी बनाया गया था. ऋचा गोस्वामी ने उस समय कांग्रेस से संपर्क किया और बताया कि वह पार्टी से जुड़ना चाहती हैं. क्योंकि रिचा गोस्वामी लंबे समय से कथा वाचन भी कर रही हैं और कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी कथाओं का आयोजन भी करवाया था, लिहाजा उन्हें धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ का अध्यक्ष बनाया गया’.

जेपी धनोपिया के मुताबिक रिचा गोस्वामी अपने प्रकोष्ठ के जरिए धार्मिक आयोजन तो करेंगी, लेकिन कहीं पर भी वह कांग्रेस के लिए वोट नहीं मांगेंगे और ना ही कांग्रेस ने उनसे सभी जिलों में जाकर धार्मिक आयोजन के लिए कहा है. लेकिन पर्दे के पीछे से साध्वी कांग्रेस के लिए वहीं काम करेंगी जो धीरेंद्र शास्त्री की मदद लेकर बीजेपी कर रही है.

कथावाचक बोली, कांग्रेस ही वो पार्टी जो धर्म के नाम पर दिखावा नहीं करती-
MP Tak से बात करते हुए कथावाचक ऋचा गोस्वामी ने कहा कि वह लंबे समय से कांग्रेस के कई नेताओं को जानती हैं क्योंकि उन्होंने उनकी कथाओं का आयोजन करवाया है और उन्हें लगता है कि कांग्रेस के नेता धर्म को लेकर दिखावा नहीं करते. 10 साल की उम्र तक मैं कथावाचन में पारंगत हो गई थी और तब से लेकर अब तक सैकड़ों आयोजनों में मुझे बुलाया जा चुका है’.

रिचा गोस्वामी ने बताया कि उनके पिता संस्कृत के शिक्षक है और उनसे ही उन्हें पहले तो संस्कृत के श्लोक को पढ़ने की इच्छा जागी और उसके बाद उन्होंने धर्म के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए कथावाचन के क्षेत्र में जाने का मन बना लिया. इसके बाद मैं अमरकंटक में ही बस गई और यही रह कर कथावाचन सीखना शुरू कर दिया. ऋचा गोस्वामी ने बताया कि आगामी 6 जून को उनका धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ मध्य प्रदेश के सभी जिलों में सुंदरकांड पाठ का आयोजन करने जा रहा है.

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