MP ELECTION 2023: मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही दलबदल का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. दीपक जोशी (Deepak Joshi) से शुरू हुआ पार्टी बदलने का दौर अब भी थम नहीं रहा है. बीजेपी (MP BJP) के कई बड़े नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया तो वहीं कांग्रेस से भी कुछ नेताओं ने खुद को अलग कर लिया है. आज बीजेपी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कोलारस विधानसभा से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी (Virendra Raghuvanshi) ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. बीजेपी छोड़ने से पहले रघुवंशी ने प्रेसवार्ता आयेाजित की जिसमें उन्होंने पार्टी और ज्योतिरादित्य सिधिंया (Jyotiraditya sindhiya) पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
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ज्योतिरादित्य सिधिंया के साथ कांग्रेस (Congress) छोड़ बीजेपी में आए नेताओं की वजह से मूल बीजेपी कार्यकर्ताओं को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां तक कि ज्योतिरादित्य सिधिंया समर्थकों को मान-सम्मान न मिलने के कारण वे भी पार्टी छोड़ रहे हैं. कोलारस विधानसभा सीट पर सिंधिया समर्थक नेता बैजनाथ सिंह यादव, रघुराज धाकड़ ने पार्टी छोड़ दी है. इसके अलावा शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया समर्थक राकेश गुप्ता ने भी ज्योतिरादित्य का साथ छोड़ दिया है. इन तीनों नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली है. अब वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी और सिधिंया पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और भ्रष्टाचार जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
समय-समय सामने आती रही विधायक की नाराजगी
कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ज्योतिरादित्य सिधिंया के बीजेपी में आने के बाद से ही खुद असहज महसूस कर रहे थे. पिछले दिनों कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी और बीजेपी जिला अध्यक्ष का एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि शिवपुरी जिले में बीजेपी और वीरेंद्र रघुवंशी की स्थिति ठीक नहीं है. वीरेंद्र रघुवंशी पार्टी के खराब हालात होने के पीछे सिधिंया और उनकी टीम को जिम्मेदार बता रहे हैं. वीरेंद्र ने कहा भ्रष्टाचार के अलावा इन मंत्रियों को कोई काम नहीं है.
सिधिंया के गढ़ में बीजेपी की बढ़ रही मसीबत
मध्य प्रदेश BJP को चुनाव से पहले लगातार एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं. पहले दीपक जोशी और फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक समंदर पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और BJP से तीन बार विधायक रहे दीपक जोशी मालवा क्षेत्र से BJP के लिए बड़ा चेहरा थे. वे भी कुछ समय पहले कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं, नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट से विधायक और कट्टर सिंधिया समर्थक समंदर पटेल (Samandar Patel) एक काफिले के साथ भोपाल पहुंचे थे और इस्तीफा सौंपा था. इसके बाद कोलारस विधानसभा से ही जितेंद्र जैन गोटू और बैजनाथ यादव (Bejnath Yadav) समेत कई सिधिंया समर्थक बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) से पहले कई बड़े और दिग्गज चेहरे भी सिधिंया का साथ छोड़ सकते हैं. अचानक इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का पार्टी छोड़ना कहीं न कहीं बीजेपी के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है.
पहले भी सिधिंया से अनबन के कारण छोड़ी थी पार्टी
वीरेंद्र रघुवंशी एक समय पर सिधिंया समर्थक माने जाते थे. 2007 में वे कोलारस विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते भी थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया से अनबन के बाद उन्होंने BJP ज्वाइन कर ली थी. साल 2018 विधानसभा चुनाव में BJP ने वीरेंद्र को टिकट दिया और वीरेंद्र रघुवंशी दो बार से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वीरेंद्र अब कांग्रेस का दामन थामेंगे.
पिछले दो चुनाव किसके पक्ष में रहे?
2018 के विधानसभा चुनावों में शिवपुरी की कोलारस विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वीरेंद्र रघुवंशी और कांग्रेस के महेंद्र सिंह के बीच बीच मुकाबला था. लेकिन बीजेपी यहां जीत दर्ज करने में सफल हुई. बीजेपी के वीरेंद्र रघुवंशी को 72450 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के महेंद्र सिंह को 71730 वोट मिले हैं. 2013 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के रामसिंह यादव जीते थे. वहीं बीजेपी के देवेंद्र कुमार दूसरे स्थान पर थे. राम सिंह यादव को जहां 73942 वोट मिले थे तो वहीं देवेंद्र कुमार को 48989 वोट मिले थे. यानी रामसिंह यादव ने करीब 25 हजार वोटों से देवेंद्र कुमार को हराया था.
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