MP News: केंद्र सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने जा रही है. उसे लेकर कमलनाथ ने भी बड़ा बयान दिया है. कमलनाथ ने विरोध करने के बजाय इस मुद्दे को बीजेपी के लिए ही बड़ा चैलेंज बता दिया है. कमलनाथ का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो अच्छा है लेकिन ऐसा करना इतना आसान नहीं है.
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कमलनाथ बताते हैं कि इसके लिए संविधान है. उसमें आपको संसोधन कराने पड़ेंगे. इसके लिए सिर्फ लोकसभा और राज्य सभा में ही बिल का पास होना जरूरी नहीं है बल्कि इसमें संबंधित राज्यों की सहमति भी लेना पड़ेगी. जो राज्य इसे लागू करने को तैयार होंगे तो ही वे इस मुद्दे पर एक पेज पर आ सकेंगे. जो राज्य नहीं होंगे, वहां पर इसे लागू नहीं कर पाएंगे.
कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि यदि बीजेपी शासित राज्यों में केंद्र सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन के तहत चुनाव कराना चाहती है तो इसमें हर्ज ही क्या है. लोकसभा और राज्य सभा से बिल पास करा लें और उसके बाद बीजेपी शासित राज्यों की विधानसभा भंग कर दें. एक लाइन का प्रस्ताव बनेगा और विधानसभा भंग हो जाएगी और फिर करा लेना एक साथ आम चुनाव और विधानसभा चुनाव. लेकिन क्या बीजेपी उसके द्वारा शासित राज्यों की विधानसभाएं भंग करेगी.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बोला, सब कुछ पीएम मोदी की सोच पर निर्भर
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर कहा कि यह सब कुछ पीएम नरेंद्र मोदी की सोच पर निर्भर करेगा. जो भी केंद्र सरकार इस मामले में फैसला करेगी, मध्यप्रदेश में उसे जस का तस अपनाया जाएगा. इंडिया गठबंधन को लेकर वीडी शर्मा ने कहा कि ये झूठ का गठबंधन है, जिसका मकसद मोदी विरोध है. ये कैसा गठबंधन है, जिसका नेता तक तय नहीं हो पा रहा है.
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