MP Politics: मंत्री नागर सिंह चौहान की नाराजगी दूर? शिवराज-वीडी से मुलाकात के बाद हो गया बड़ा खेल

Nagar Singh Chouhan: मध्य प्रदेश में बीते दो दिनों से मंत्री नागर सिंह चौहान की नाराजगी की चर्चाएं थी. ये चर्चाएं केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली तक थीं. लेकिन अब मंत्री की नाराजगी दूर होने की खबर सामने आ रही हैं.

बीजेपी नेताओं से नागर की मुलाकात

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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इस्तीफा देने पर अड़े मंत्री नागर सिंह चौहान की नाराजगी दूर हो गई हैं.

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बीती रात उनकी मुलाकात सीएम मोहन यादव समेत तमाम दिग्गजों से हुई.

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जिसके बाद माना जा रहा है कि आलाकमान उनके लिए कोई और बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है.

Nagar Singh Chouhan: मध्य प्रदेश में बीते दो दिनों से मंत्री नागर सिंह चौहान की नाराजगी की चर्चाएं थी. ये चर्चाएं केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली तक थीं. नागर सिंह चौहान अपना मंत्रालय रामनिवास को देने के कारण नाराज चल रहे थे. यही कारण है कि उन्होंने इस्तीफा देने की बात भी कही थी. तो वहीं इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है. सूत्रों के मुताबिक नागर सिंह चौहान जिनकी वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा हुई और उसके बाद आखिरकार उनकी नाराजगी दूर हो गई है. 

जानकारी के मुताबिक देर रात सीएम हाउस में बैठक हुई. जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, हितानन्द शर्मा से उनकी काफी देर तक लंबी चर्चा हुई है. जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. इस मुलाकात के बाद ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में नागर सिंह चौहान को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. आपको बता दें सीएम से मुलाकात के पहले नागर सिंह चौहान ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी. ऐसा माना जा रहा है. इस मध्यस्थता की भूमिका शिवराज सिंह चौहान ने ही रची है. 

विभाग छिनने के बाद आई थी नाराजगी सामने

बता दें नागर सिंह चौहान कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग देने से नाराज थे. यह नाराजगी इतनी बढ़ गई थी कि उन्होंने इस्तीफा देने तक की चेतावनी दे दी थी. नागर का कहना था कि उनके विभाग देने से पहले उनसे कोई चर्चा नहीं की गई. उनको विश्वास में नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं को पद देकर नवाजा जा रहा है. वह भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता हैं. उन्होंने पार्टी के लिए निस्वार्थ भाव से काम किया, यदि उनको मंत्री नहीं बनाना था तो सात महीने पहले पद ही क्यों दिया? 

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि वो अब मंत्री पद नहीं रखना चाहते हैं. वह केवल विधायक ही रहना चाहते हैं. लेकिन, अब सीनियर लीडर्स के साथ चर्चा हुई और उसके बाद आखिरकार नागर सिंह चौहान मान गए हैं. 

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