MP की राजनीतिक दिशा तय करती है ये नदी, चुनाव में कितना असर डालेगा मां नर्मदा फैक्टर, जानें

रवीशपाल सिंह

01 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 1 2023 4:01 PM)

Madhya Pradesh Chunav: मध्य प्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी चुनावी साल में प्रदेश में राजनितिक दलों के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है. विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में मां नर्मदा के जयकारे शुरू हो गए हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में नर्मदा आरती कर चुनावी शंखनाद किया तो […]

MP Chunav Maa Narmada factor mp election Narmada decides political direction in mp

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Madhya Pradesh Chunav: मध्य प्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी चुनावी साल में प्रदेश में राजनितिक दलों के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकती है. विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में मां नर्मदा के जयकारे शुरू हो गए हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में नर्मदा आरती कर चुनावी शंखनाद किया तो अब कमलनाथ नर्मदा सेवा सेना यात्रा शुरू कर रही है. वहीं सीएम शिवराज नर्मदा की पूजा-अर्चना में पहले से ही कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सियासी दलों की मां नर्मदा की भक्ति पर पढ़िए MP Tak का विश्लेषण और समझिए कि एमपी की राजनीति में क्यों जरूरी है मां नर्मदा का आशीर्वाद?

मध्य प्रदेश में नर्मदा न सिर्फ जीवनरेखा है, बल्कि इससे जुडा एक बड़ा वोट बैंक भी है. यही वजह है कि एमपी में चुनावी वैतरणी पार करने के लिए नर्मदा मैया के सहारे जीत की नैया पार करने की कोशिश शुरू हो गई है. कांग्रेस ने सोमवार से नर्मदा सेवा सेना बनाकर नर्मदापुरम से नर्मदाआरती पूजा कर नर्मदा सेवा यात्रा का अभियान शुरू किया है. इसके तहत कांग्रेस कार्यकर्ता नर्मदा किनारे के इलाकों में सदस्य बनाएंगे, नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन, नदी में मिलती गंदगी को रोकने का काम करेंगे. नर्मदा के सहारे कांग्रेस चुनावी शंखनाद भी कर चुकी है.

12 जून को प्रियंका गांधी वाड्रा ने जबलपुर में मां नर्मदा के तट पर पहुंचकर आरती की पूजा की जिसमें कमलनाथ भी मौजूद रहे और चुनावी शंखनाद की शुरुआत की थी. ‘MP Tak’ से बातचीत में नर्मदा सेवा सेना के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि ‘नर्मदा जी की रक्षा करना और मध्यप्रदेश की नदियों की रक्षा करना, उनके पानी को बचाना अवैध उत्खनन ओर अतिक्रमण के रास्ते से जिस तरह से नदियों को सुखा दिया गया है बर्बाद कर दिया गया है, जिस तरह से इनकी biodiversity बर्बाद कर दी उस सब पर रक्षा करने की जरूरत है.

जो नर्मदा जी हमारे 4 करोड़ लोगों को जीवन देती हैं, इतने खेतोंं को सिंचित करती हैं कि 4 करोड़ लोगों के लिए अनाज पैदा हो. हम को बिजली देती हैं जिनसे हमारे मध्यप्रदेश के आधे घर रोशन हो रहे है उन नर्मदा जी के प्रति ये सरकार इतनी निष्ठुर है. इतनी कठोर है इसका हम जनजागरण करना चाहते है. इसमें जो भी कानूनी तरीके उनको भी हम अपनाएंगे. एनजीटी में भी जाएंगे इन सब चीज के लिए प्रयास करेंगे.’

दिग्विजय कर चुके हैं परिक्रमा, शिवराज ने शुरू की थी नर्मदा सेवा यात्रा

साल 2018 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसी नर्मदा की पैदल परिक्रमा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर चुके हैं. दिग्विजय सिंह की 142 दिन की नर्मदा किनारे तकरीबन 3,300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा यात्रा खूब चर्चा में रही थी. दिग्विजय सिंह की इस यात्रा का कांग्रेस को फायदा पहुंचा और 2018 में कांग्रेस नर्मदा नदी से लगी 35 विधानसभा सीटों पर जीत के साथ सत्ता हासिल कर ली. इसके अलावा साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की थी. लगभग 150 दिनों तक चलने के बाद यात्रा का समापन 11 मई 2017 को हुआ था जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की थी. इस यात्रा में नर्मदा नदी के किनारे पेड़ लगाए, तो वहीं नर्मदा किनारे सफाई पर भी जोर दिया गया ताकि मध्य प्रदेश की जीवनरेखा कहे जाने वाली नर्मदा का संरक्षण किया जा सके.

यही नहीं, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा भी समय-समय पर नर्मदा पूजन करते हैं. भारत जोड़ो यात्रा के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने खरगोन में नर्मदा जी की आरती की थी.

मध्यप्रदेश में नर्मदा भक्ति के सियासी मायने

– एमपी में नर्मदा नदी 16 ज़िलों से होकर गुजरती है.
– 230 विधानसभा सीटों मे से करीब 100 से ज्यादा सीटें इन ज़िलों में आती हैं.
– नर्मदा नदी किनारे करीब 600 छोटे-बड़े गांव स्थापित हैं.
– नर्मदा नदी से लगी हुई कुल 65 विधानसभा सीट हैं.
– 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इनमे से 36 सीटें जीती थी.
– नर्मदा नदी अनूपपुर जिले से शुरू होकर डिण्‍डौरी, मण्‍डला, सिवनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, सीहोर, देवास, हरदा, खण्‍डवा, खरगोन, बडवानी, धार और अलीराजपुर ज़िले से होते हुए गुजरात में प्रवेश कर जाती है.

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