आदिवासी CM की मांग पर कमलनाथ की दो टूक, बोले- ऐसा कहने वाला क्या है, सब जानते हैं?

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर काे लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) ने शिवराज सरकार (Shivraj Govt) पर बड़ा हमला बोला है. अनूपपुर (Anuppur News) के 15 आदिवासी युवाओं को गुजरात में दी गई यातनाओं की निष्पक्ष जांच करने और रीवा में 2 आदिवासी बच्चियों के साथ […]

On demand of tribal CM Kamal Nath bluntly Reaction umang singhar mp election 2023

On demand of tribal CM Kamal Nath bluntly Reaction umang singhar mp election 2023

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर काे लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) ने शिवराज सरकार (Shivraj Govt) पर बड़ा हमला बोला है. अनूपपुर (Anuppur News) के 15 आदिवासी युवाओं को गुजरात में दी गई यातनाओं की निष्पक्ष जांच करने और रीवा में 2 आदिवासी बच्चियों के साथ हुए हुए गैंगरेप (Rewa Gangrape) को लेकर भी सरकार को घेरा है. वहीं, प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री (Tribal CM) बनाने के मुद्दे पर पूर्व सीएम ने स्थिति साफ कर दी है. कमलनाथ भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.

कमलनाथ ने कहा कि किसी कहने और न कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, जो कहने वाला है, उसे सब जानते हैं वो क्या है? असल में, सोमवार को आदिवासी सीएम बनाने की मांग कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने की थी.

मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले आदिवासियों को साधने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों सारी कोशिशें कर रही हैं. प्रदेश में आदिवासियों का चुनाव में बड़ा इम्पैक्ट माना जाता है. करीब 80 सीटों को आदिवासी वोटर प्रभावित करते हैं. इसलिए भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने मध्य प्रदेश में आदिवासी सीएम बनाने का संकल्प पहले ही लिया हुआ है और इसे दोहराते भी रहे हैं. अब कांग्रेस के ही कद्दावर नेता, पूर्व मंत्री और गंधवानी से विधायक उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने आदिवासी मुख्यमंत्री (Tribal CM) बनाए जाने की मांग करके प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. इसी पर कमलनाथ ने प्रतिक्रिया दी है.

जब तक आदिवासी CM नहीं, तब तक बैठना नहीं- सिंघार

विधायक उमंग सिंघार ने कहा था, “मैं आपसे कहना चाहता हूं कि जब तक मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी नहीं बनेगा तब तक घर नहीं बैठना.” उन्होंने आगे कहा, “आप लोग चाहते हो मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री आदिवासी बने, मेरी बात नहीं कर रहा हूं, मेरे अपने समाज की बात कर रहा हूं. हमारे समाज का आदिवासी मुख्यमंत्री बनना चाहिए.”

उत्पीड़न के बीच हम आदिवासी दिवस कैसे मनाएं?

पूर्व सीएम कल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है, लेकिन मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय का जिस कदर उत्पीड़न हो रहा है, ऐसे में हम दुनिया से कैसे कहें कि हम आदिवासी दिवस मना रहे हैं. अनूपपुर के 15 आदिवासी युवकों के साथ गुजरात के राजकोट में की गई बर्बरता और रीवा के हनुमना में दो आदिवासी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने दिखा दिया है की मध्य प्रदेश शिवराज सरकार आदिवासी समुदाय को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को भोपान में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

गुजरात में आदिवासी युवकों को पीटने का क्या है मामला?

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के अनूपपुर जिले के 15 आदिवासी युवकों को गुजरात के राजकोट में प्रताड़ित कर उन्हें यातनाएं दिए जाने का मामला सामने आया है. गुजरात से अनूपपुर पहुंचे इन आदिवासी युवकों ने बताया कि राजकोट में जिस कंपनी में वे काम करते थे उस कंपनी के मालिक ने उनके ऊपर चोरी का इल्जाम लगाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की. इन्हें बंधक बनाकर रखा गया. चार युवकों को गंभीर चोटें आई हैं. कमलनाथ ने कहा कि इन युवकों को कितनी बुरी तरह पीटा गया है. यह उन युवकों द्वारा वायरल किए गए वीडियो में देखा जा सकता है.

कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानना चाहता हूं कि इन आदिवासी युवकों के साथ किए गए इस बेरहमीपूर्ण व्यवहार पर क्या उन्होंने अब तक कोई कार्यवाही की है? इस सरकार ने आदिवासी समाज को इतना कमजोर कर दिया है कि हर किसी को लगता है कि वह मध्यप्रदेश के आदिवासी पर अत्याचार कर सकता है और उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा.

आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं

कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में हाल में हुई आदिवासी घटनाएं भी गिनाईं गईं…

-मैहर में एक मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई थी.

-रीवा के हनुमना में आदिवासी बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है.

-पूरी दुनिया ने देखा कि सीधी में एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब किया गया.

-सिंगरौली में भाजपा विधायक के बेटे ने एक आदिवासी युवक को गोली मार दी.

-नेमावर में आदिवासी बेटी और उसके पूरे परिवार को जिंदा जमीन में गाड़ दिया गया था. उस परिवार को भी आज तक न्याय नहीं मिला है.

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