MP Election 2023: मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले गोटेगांव सीट पर उम्मीदवार बदलने और बगावत को लेकर कांग्रेस परेशान चल रही थी और अब एक नई मुसीबत यहां खड़ी हो गई है. कांग्रेस प्रत्याशी नर्मदा प्रसाद प्रजापति को बिजली कंपनी ने जो एनओसी दी थी, उसे निरस्त कर दिया है जबकि एनपी प्रजापति अपना नामांकन तीन दिन पहले ही जमा कर चुके हैं. अब इस मामले को लेकर निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है और मामला जांच में चला गया है. ऐसे में अब उनका नामांकन पर भी तलवार लटक गई है.
ADVERTISEMENT
नर्मदा प्रसाद प्रजापति को पहले बिजली कंपनी ने एनओसी दे दी थी. उन पर लगभग साढ़े आठ लाख रुपए का बिजली बिल बकाया था लेकिन अब बिजली कंपनी ने उनको दी एनओसी यह कहकर निरस्त कर दी है कि उन्होंने जो चेक दिया था, उससे आधी बकाया राशि ही बिजली कंपनी के पास आई है और लगभग सवा चार लाख रुपए अभी भी उन पर बकाया है. इस वजह से उनको दी गई एनओसी को निरस्त किया जाता है.
ऐसे में अब नर्मदा प्रसाद प्रजापति का नामांकन के निरस्त होने का खतरा मंडरा रहा है. निर्वाचन आयोग जांच करके इस मामले में अपना निर्णय सुनाएगा. आपको बता दें कि गोटेगांव विधानसभा सीट पर एनपी प्रजापति से पहले कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार शेखर चौधरी को बनाया था लेकिन एनपी प्रजापति के लिए कांग्रेस ने बाद में इस सीट पर शेखर चौधरी का नाम बदलकर टिकट एनपी प्रजापति को दे दिया. एनपी प्रजापति कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में अब कांग्रेस के सामने उनका नामांकन बचाने की समस्या खड़ी हो गई है.
जिसने दर्ज कराई शिकायत, उसने लगाए हैं एनपी प्रजापति पर कई आरोप
आपको जानकर हैरानी होगी कि एनपी प्रजापति के इस नामांकन के खिलाफ किसी राजनेता ने नहीं बल्कि एक आम व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है. सरदार परमजीत सिंह खनूजा ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है. ये एक मैरिज गार्डन चलाते हैं और इनके आरोप हैं कि एनपी प्रजापति ने इनके गार्डन में अपने परिवार का एक वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित किया था लेकिन उसके पैसे नहीं दिए, जिसे लेकर भी उन्होंने कोर्ट में परिवाद दायर किया है. अब इन्होंने बिजली बिल बकाया होने की शिकायत भी की है, जिसके बाद ही बिजली कंपनी ने एनपी प्रजापति को दी एनओसी को निरस्त किया है.
ये भी पढ़ें– यशोधरा राजे ने BJP प्रत्याशी के लिए प्रचार करने से क्यों किया इनकार, क्या बीजेपी में बढ़ी गुटबाजी?
ADVERTISEMENT