Sachin Pilot: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का अचानक सतना आने का कार्यक्रम बना तो सियासी गलियारे में हलचल मच गई. राजस्थान में बगावती तेवर दिखा रहे और सीएम अशोक गहलोत के साथ तनातनी की वजह से लगातार चर्चा में रहने वाले सचिन पायलट रविवार की शाम मैहर पहुंचे थे. इसके बाद सतना के खैरुआ सरकार (हनुमान मंदिर) मंदिर भी गए. जहां उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की. असल में, इस मंदिर में सचिन पायलट के जाने के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.
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दरअसल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल खैरुआ सरकार की कृपा का बखान सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं, वह यहां तक कह चुके हैं कि मैं खैरुआ सरकार की कृपा से ही सीएम बना हूं तो क्या सचिन पायलट बघेल की राह पर हैं, जो सीएम बनने के लिए देवी-देवताओं का सहारा लेने लगे हैं. बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव छह महीने बाद ही है. सचिन के साथ राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा भी थे. सचिन पायलट ने मैहर में मां शारदा के दर्शन तो किए ही, साथ ही वे खैरुआ सरकार के दर्शन के लिए भी गए.
सचिन पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के साथ सतना पहुंचे. दोनों नेताओं की अगवानी विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह ने की. हालांकि सचिन पायलट इस दौरान पत्रकारों के सवालों से बचते रहे. उन्होंने कांग्रेस के कुल 3 नेताओं विवेक तन्खा, डॉ. राजेन्द्र सिंह, मनीष तिवारी के साथ बातचीत की.
धार्मिक यात्रा के निकाले जा रहे सियासी मायने
सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़ नई पार्टी बनाने की चर्चाएं इन दिनों जोरों पर हैं. ऐसे में सचिन पायलट का मध्य प्रदेश दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इसी बीच वे खैरुआ सरकार के दर्शन करने भी पहुंच गए. ये वही खैरुआ सरकार हैं जिनके दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर बार आते हैं. बघेल ने इस बात को मीडिया के सामने स्वीकार किया था कि खैरुआ सरकार की बदौलत वो मुख्यमंत्री बने हैं. ऐसे में सचिन पायलट के खैरुआ दर्शन के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
मैहर में की पूजा-अर्चना
सचिन पायलट सांसद विवेख तनखा के साथ सतना जिले में स्थित मैहर मंदिर में मां शारदा के दर्शन के लिए पहुंचे. उन्होंने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी. सचिन पायलट ने ट्वीट में लिखा “जबलपुर में राज्यसभा सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री विवेक तनखा जी के साथ मां शारदा जी के मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.”
सचिन पायलट और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है. इन दिनों सचिन पायलट के नई पार्टी बनाने को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं. बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में साथ ही चुनावी बिगुल बजेगा, ऐसे में सचिन पायलट का एमपी पहुंचना, कांग्रेस की सोची समझी रणनीति हो सकती है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अपने चुनावी दौरे की शुरुआत जबलपुर से कर रही हैं. इससे पहले सचिन का जबलपुर आना कांग्रेस का बड़ा कदम बताया जा रहा है.
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