MP News: गणतंत्र दिवस के मौके पर सरपंच से झंडावंदन का अधिकार छीनना रोजगार सहायक को भारी पड़ गया. अब रोजगार सहायक के ऊपर मोहन सरकार (Mohan Yadav) ने गाज गिरा दी है. दरअसल, राजगढ़ जिले के एक सरपंच ने आरोप लगाया था कि अनुसूचित जाति से होने की वजह से रोजगार सहायक ने उनसे झंडावंदन नहीं कराया. इसे लेकर दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद बड़ा एक्शन लिया गया है.
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क्या है पूरा मामला?
मामला राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील के तरेना ग्राम पंचायत का है. सरपंच मान सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि उनकी जगह लाखन सिंह सौंधिया नाम के एक रोजगार सहायक ने किसी और व्यक्ति से झंडावंदन कराया. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं एक वर्मा हूं. राजगढ़ कलेक्टर ने आरोपी रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है. कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि सरपंच को अपने अधिकार से वंचित किए जाने का मामला जानकारी में आया था, शासन के प्रावधानों के विरुद्ध अन्य व्यक्ति से ध्वजारोहण कराने की वजह से रोजगार सहायक की सेवाएं समाप्त की गई हैं.
सरपंच ने लगाए गंभीर आरोप
सरपंच मान सिंह वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, “झंडावंदन का दिन था, मैं वर्मा हूं इस चक्कर में रोजगार सहायक ने किसी दूसरे से झंडावंदन करवा दिया. उन्होंने पहले झंडावंदन करवा दिया, आज मेरा हक छीन लिया.”
दिग्विजय सिंह ने की कार्रवाई की मांग
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर सरपंच का वीडियो पोस्ट कर लिखा था, मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नही है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व STSC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्यवाही करना चाहिए.
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