mp news: मध्य प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हो और सबको परिणामों का इंतजार हो, ऐसे में ये अभी तय नहीं हुआ कि प्रदेश की आने वाले समय में किसके हाथों में कमान रहने वाली है. लेकिन इसी बीच शिवराज सरकार के एक फैसले जनता को चौंका दिया है. शिवराज सरकार चुनावी साल में एक बार फिर कर्ज लेने की पूरी तैयारी कर चुकी है. जानकारी के अनुसार, 28 नवंबर को मध्य प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज लेगी. ऐसे में इस साल अब तक सरकार कुल 38 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.
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आपको बता दें इस साल सरकार ने कई बार कर्ज लिया है. मध्य प्रदेश में चुनावों के लिए 9 अक्टूबर को आचार संहिता लगी थी. उसके बाद से अब सरकार कुल 4 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. तो वहीं सितंबर माह में भी सरकार ने करीब 4500 करोड़ रूपये का कर्ज लिया था. आंकड़ो की बात करें तो 31 मार्च 2023 तक मध्यप्रदेश सरकार 3 लाख 31 हजार 651 रूपये से कर्जीली हो चुकी थी. फिर भी लगातार सरकार कर्ज लेने में न तो कोई गुरेज कर रही है और न ही परहेज. चुनावी परिणामों के ऐन वक्त पहले सरकार का कर्ज लेना जनता के लिए चौंकाने वाल है.
किस लिए लिया जा रहा कर्ज?
जानकारी के अनुसार, 28 नवंबर को मध्य प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज लेगी. ऐसे में इस साल अब तक सरकार 38 हजार 500 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है. वहीं कर्ज को लेकर मध्य प्रदेश वित्त विभाग ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. इस नोटिफिकेशन के अनुसार, 28 नवंबर को प्रदेश सरकार 2 हजार करोड़ का कर्ज लेगी. यह कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 14 साल के लिए लिया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि नई सरकार के गठन की व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के भुगतान के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है.
सवा तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज
अलग-अलग समय में लिए गए लोन के कारण अभी प्रदेश की जनता के ऊपर सवा तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो गया है. लगातार कर्ज लेने का ये सिलसिला बजट सत्र से पहले शुरू हुआ था जो अब तक जारी है. विपक्ष भी सरकार के इतनी बड़ी मात्रा में कर्ज लेने को लेकर हमलावर है.
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