मध्य प्रदेश चुनावों के लिए सियासी जमीन तैयार करने में जुटीं सपा-बसपा, जानें कैसा रहा है प्रदर्शन

रितुराज पाठक

27 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 27 2023 2:44 PM)

Madhya Pradesh Elections: मध्य प्रदेश में चुनावी बिसात बिछ गई है और राजनीतिक दलों ने जोर-आजमाइश शुरू कर दी है. चुनावी मैदान में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी अपनी सियासी जमीन तलाश रही हैं. उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दल सपा और बसपा लगातार […]

SP-BSP busy preparing political ground for Madhya Pradesh elections, know how the performance has been

SP-BSP busy preparing political ground for Madhya Pradesh elections, know how the performance has been

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Madhya Pradesh Elections: मध्य प्रदेश में चुनावी बिसात बिछ गई है और राजनीतिक दलों ने जोर-आजमाइश शुरू कर दी है. चुनावी मैदान में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी अपनी सियासी जमीन तलाश रही हैं. उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख राजनीतिक दल सपा और बसपा लगातार तीन दशक से मध्य प्रदेश में अपने आपको मजबूत करने और पार्टी के विस्तार में लगे हुए हैं.

जहां बसपा 1990 से तो वहीं सपा 1998 से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में ताल ठोंक रहे हैं. दोनों ही पार्टियों को अमूमन इक्का-दुक्का सीट जीतने में सफलता तो मिलती है लेकिन अधिकांश सीटों पर हमेशा इनकी जमानत जब्त होने का ही इतिहास रहा है. दोनों ही पार्टियों का थोड़ा बहुत प्रभाव यूपी से सटे इलाकों में है. रीवा, सिंगरौली, छतरपुर, भिंड और मुरैना जैसे जिलों में ये दोनों दल वोटरों को प्रभावित करते रहे हैं.

सपा-बसपा का प्रदर्शन बताता है उनकी अहमियत

सपा का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2003 में रहा है. इस चुनाव में सपा 161 सीटों पर लड़ी थी जिसमें सात सीटों पर जीत हासिल की थी. सपा का कुल वोट शेयर 5.26 % था. 2003 में बसपा 157 सीट पर लड़ी थी, जिसमें 10.61% वोट शेयर के साथ दो सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, अगर 2008 की बात करें तो बसपा 228 सीटों पर लड़ी और 09.08% वोट शेयर के साथ सात सीटें जीतने में सफल रही. जबकि सपा 186 सीट पर लड़ी और मात्र 02.46% एक सीट ही हासिल कर सकी.

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पिछले चुनाव में बसपा ने 2 और सपा को एक सीट मिली थी

पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में सपा ने 52 सीटों पर लड़ी 1.30% वोट शेयर के साथ एक सीट जीती. वहीं बसपा 227 सीट पर लड़ी और 5.01% वोट शेयर के साथ दो सीट जीती. अगर पिछले 2019 लोकसभा चुनावों की बात करें तो मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी सिर्फ दो सीटों पर लड़ी. एक भी सीट नहीं जीत पायी और मात्र 0.22% वोट शेयर था. जबकि बसपा 25 सीटों पर लड़ी थी और बसपा को भी 2.38% वोट प्रतिशत के साथ ज़ीरो सीट मिली.

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दोनों पार्टियों का एक कोर वोटर है: एक्सपर्ट

मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध कहते हैं कि इन दोनों पार्टियों का अपना एक कोर वोट है, एक पॉकेट है जहां से वो आगे रहते है, लेकिन साथ में यह भी है कि इनकी वजह से दो मुख्य पार्टी है. मध्यप्रदेश में उसपे कोई फर्क नही पड़ेगा, दिवाकर आगे कहते है कि इन दोनों पार्टी का प्रभाव ज्यादा उत्तरप्रदेश से सटे मध्यप्रदेश के इलाकों में थोड़ा रहता है.

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