Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर मार्च के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी हो सकती है और आचार संहिता का ऐलान भी हो सकता है. इसे देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई हैं. मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं और बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की कोशिश है कि फरवरी के आखिरी सप्ताह तक मध्यप्रदेश की 29 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाए. जिस तरह की रणनीति बीजेपी और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनाई थी, ठीक वैसी ही रणनीति लोकसभा चुनाव के लिए भी दोनों ही पार्टियां अपना सकती है, इसकी संभावना काफी जताई जा रही है.
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बात यदि बीजेपी की करें तो यहां संभावना है कि तीन बार से अधिक समय तक टिकट पा रहे नेताओं का इस बार पत्ता कट हो सकता है. बीजेपी की कोशिश है कि इस बार कुछ नए चेहरों को प्रमोट करके लोकसभा का टिकट दिया जाए. पुराने 7 सांसद रहे नेताओं के टिकट तो जरूर कटेंगे, क्योंकि प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, रीति पाठक, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह को विधानसभा चुनाव लड़ाकर, जिताकर और मंत्री बनाकर बीजेपी ने मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय कर दिया है.
नरेंद्र सिंह तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है. फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं तो ऐसे में बीजेपी अब इनको लोकसभा में दोबारा मौका देने की संभावना काफी कम है.
ऐसे में तय है कि बीजेपी अब नए चेहरों को मौका देगी. जिसमें सबसे आगे नाम है ज्योतिरादित्य सिंधिया का. सिंधिया गुना-शिवपुरी की अपनी पारंपरिक सीट के साथ ही ग्वालियर लोकसभा सीट पर भी काफी सक्रिय हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि बीजेपी सिंधिया को इन्हीं दो सीटों में से किसी एक सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. वहीं वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा जैसे नेताओं को लेकर भी बीजेपी दोबारा दांव खेलने के मूड में दिखाई दे रही है.
कांग्रेस ने अपनाया 50-50 फार्मूला
वहीं कांग्रेस भी बहुत कुछ बीजेपी की राह चलते हुए दिख रही है. बीते रोज कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भोपाल में हुई थी. इस बैठक में कांग्रेस ने तय किया है कि मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर 50-50 प्रतिशत का फार्मूला टिकट वितरण में अपनाया जाएगा. यानी आधी सीटों पर सीनियर लीडर्स को कांग्रेस फिर से मौका देगी तो वहीं 14 से 15 सीटों पर कांग्रेस भी नए चेहरों को लोकसभा चुनाव लड़ने टिकट दे सकती है. इस प्रकार कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टियां इस लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की सीटों पर युवा चेहरों को आगे करने की रणनीति पर काम कर रही हैं.
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