MP Election 2023: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता उमा भारती क्या एक बार फिर से अपनी ही पार्टी से नाराज हैं. क्या उनको बीजेपी की कोई बात चुभ गई है. दरअसल उमा भारती का एक ट्वीट बीते दिनों वायरल हुआ, जिसके बाद ये सवाल खड़े होने लगे कि उमा भारती को कोई तो ऐसी बात है जो चुभ रही है. हालांकि खुद उमा भारती उस बात की ओर अपने इस ट्वीट में इशारा भी करती हैं. उमा भारती ने इससे पहले भी कई बार ऐसे
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उमा भारती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि हमारी पार्टी भाजपा के उम्मीदवारों की चौथी सूची आ चुकी है. उम्मीदवारों की इस चारों सूची के बारे में मध्य प्रदेश के हमारे कार्यकर्ता और हमारे मतदाता से बात करके मेरी जो धारणा बनी है सभी को और मुझको आश्चर्य एवं प्रसन्नता का मिला-जुला भाव है. उससे मैंने दिल्ली एवं मध्यप्रदेश के सभी वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व को अवगत करा दिया है.
उमा भारती ट्वीट में लिखती हैं कि ‘हमने शायद जीतने की योग्यता को ही आधार माना है. हमारी पार्टी निष्ठा एवं नैतिक मूल्यों की पुजारी रही है. हमें जीतने की लालसा एवं पराजय के भय से मुक्त होना चाहिए और दिखना भी चाहिए. इकबाल के शेर की एक लाइन-‘‘गुफ्तार का ये गाजी तो बना, किरदार का गाजी बन न सका‘‘. अभी तो आखरी सूची के बाद हम इसका भी आंकलन कर लेंगे कि कितने पिछड़े वर्गों की महिलाओं को टिकट मिले, इससे मेरी पिछड़े वर्गों की महिलाओं के आरक्षण की मांग सबको सही लगेगी’.
आखिर उमा भारती क्या कहना चाहती हैं?
उमा भारती के इस ट्वीट के बाद सभी की जुबां पर एक ही बात है कि आखिर उमा भारती कहना क्या चाहती हैं. क्या उनका इशारा इस ओर है कि बीजेपी ने ओबीसी वर्ग की महिलाओं को कम टिकट दिए हैं. क्या ये बात बोलकर उमा भारती बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर यह दबाव बनाना चाहती हैं कि बीजेपी अपनी पांचवी सूची में ओबीसी वर्ग की महिलाओं को अधिक मौका दें. कुल मिलाकर उमा भारती जो कुछ भी बोलती हैं, उसके पीछे कई गहरे अर्थ होते हैं और इस बार भी उमा भारती ने अपने इस ट्वीट के जरिए बीजेपी को कुछ संकेत देने की कोशिश की है.
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