उमा भारती ने कमलनाथ को याद दिलाई उनकी ‘गलती’, बताया क्यों थे सिंधिया CM पद के प्रबल दावेदार

Uma Bharti Interview: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का कहना है कि यदि कमलनाथ ने वो गलती नहीं की होती तो मध्यप्रदेश की राजनीति के समीकरण वो नहीं होते, जो आज हैं. एमपी तक को दिए खास इंटरव्यू में उमा भारती ने कहा कि सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उन्होंने कमलनाथ के सामने […]

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Uma Bharti Interview: मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का कहना है कि यदि कमलनाथ ने वो गलती नहीं की होती तो मध्यप्रदेश की राजनीति के समीकरण वो नहीं होते, जो आज हैं. एमपी तक को दिए खास इंटरव्यू में उमा भारती ने कहा कि सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उन्होंने कमलनाथ के सामने किसानों की कर्जमाफी संतोषजनक तरीके से नहीं होने का मुद्दा उठाया तो इस पर कमलनाथ बिफर पड़े और उन्होंने सिंधिया को बोल दिया कि कि वे इसके लिए सड़क पर आकर संघर्ष कर लें.

उमा भारती ने कहा कि ऐसा कहना कमलनाथ की भारी भूल थी और सिंधिया और उनके साथी सड़क पर आ गए और कमलनाथ की सरकार गिर गई. यदि कमलनाथ वह ऐतिहासिक गलती नहीं करते तो सिंधिया निश्चित तौर पर कांग्रेस की ओर से मध्यप्रदेश के सीएम पद के प्रबल दावेदार होते.

उमा भारती ने कहा कि सिंधिया परिवार का बीजेपी में आना हमेंशा ही शुभ रहा है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया डीपी मिश्रा की सरकार गिराकर जनसंघ में आई थीं. तो हमारी सरकार तब बनी थी और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ की सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार बनवाई. सिंधिया एक हीरा नेता है और उनका बीजेपी के साथ होना ये बताता है कि बीजेपी की सरकार फिर से मध्यप्रदेश में आ रही है.

मैं नहीं हूं किसी से नाराज, महिला आरक्षण पर मेरा स्टैंड बहुत पुराना- उमा भारती

उमा भारती ने कहा कि वे किसी से नाराज नहीं हैं. महिला आरक्षण के मामले में उनका जो स्टैंड है, वह 1996 से है. मेरी राय के साथ यदि विपक्षी दलों के नेता भी सुर में सुर मिला रहे हैं तो उसमें गलत क्या है. अटल जी जब प्रधानमंत्री थे, तब भी मेरी राय का सम्मान रखा गया था और पीएम मोदी भी मेरे स्टैंड का सम्मान करते हैं. आपको बता दें कि उमा भारती ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए सुनिश्चित 33 प्रतिशत आरक्षण में से 50 प्रतिशत एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लिए अलग रखा जाना चाहिए. उमा भारती का कहना है कि जब यह विधेयक पहली बार देवेगौड़ा सरकार संसद में लेकर आई थी, तब भी इस विधेयक पर मैंने संशोधन पेश किया था.

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