कैलाश विजयवर्गीय का पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से क्या था पंगा, इस बयान ने सब समझा दिया

एमपी तक

07 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 8 2024 4:39 AM)

मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय हमेंशा से अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. मुद्दा कोई भी हो, उनके बेबाक बयान मध्यप्रदेश की सियासत को हमेंशा ही गर्माते रहे हैं.

Kailash Vijayvargiya, Shivraj Singh Chauhan, Former CM Shivraj Singh Chauhan, MP BJP, MP Politics

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Kailash Vijayvargiya: मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं.  उनके बेबाक बयान मध्यप्रदेश की सियासत को हमेशा ही गर्माते रहे हैं. एक बार फिर से उन्होंने कुछ ऐसा कहा है, जिसके बाद सियासी गलियारों में कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के आपसी संबंधों की चर्चा एक बार फिर से होने लगी है. दरअसल, सीएम मोहन यादव के करीबी कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए बयान दिया है.

कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर कैलाश विजयवर्गीय के मन में इतनी तल्खी क्यों रहती है. इसे समझने के लिए दो दिन पहले उन्होंने जो बयान दिया, उसमें इसके राज छिपे हैं. दरअसल कैलाश विजयवर्गीय से कुछ पत्रकारों ने पूछा क्या इस बार इंदौर के विकास के लिए ठाकुर के हाथ खुले हैं. तो कैलाश विजयवर्गीय बोले कि इस बार हाथ पूरी तरह से खुले हैं. एकदम खुले हैं, चिंता मत करो.

इसके बाद ही ये सवाल खड़े होने लगे कि क्या इंदौर के विकास के लिए पहले उनके हाथ किसी ने बांधकर रखे थे. इसे समझना हो तो आपको थोड़ा पीछे चलना होगा, जब मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी और उस समय उनके कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय ने खुद इंदौर में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि इंदौर के विकास के लिए उनके हाथ शोले फिल्म के ठाकुर जैसे बंधे हुए हैं.

शिवराज सिंह चौहान को कैलाश की दबंगई पसंद नहीं थी?

इंदौर की राजनीति को करीब से जानने वाले बताते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय की दबंगई पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को पसंद नहीं थी. इसलिए पहले उनको इंदौर छोड़कर पूरे मध्यप्रदेश पर फोकस करने के निर्देश दिए गए और बाद में कैलाश विजयवर्गीय को पहले हरियाणा चुनाव के लिए भेज दिया गया और बाद में केंद्र में संगठन में राष्ट्रीय महासचिव बनाकर बुला लिया गया और पश्चिम बंगाल चुनाव की जिम्मेदारी देकर भेजा गया. इस दौरान उनको मध्यप्रदेश से दूर रखने की पूरी कोशिश की गई.

मोहन-कैलाश की जोड़ी

विजयवर्गीय ने इंदौर से भी लगभग दूरी बना ली थी लेकिन अब मोहन यादव की सरकार बनने के बाद कैलाश विजयवर्गीय फिर से पावर में आने लगे हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के संबंध पूर्व से ही बेहतर बताए जाते हैं. सीएम मोहन यादव भी कैलाश विजयवर्गीय को भाईसाहब और जननायक कहकर संबोधित करते हैं. ऐसे में लगने लगा है कि एक बार फिर से मध्यप्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय की तूती बोलने वाली है. राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि मोहन-कैलाश की जोड़ी मध्यप्रदेश की राजनीति में कुछ बड़ा कर सकती है.

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