CM शिवराज 3 दिन में दो बार क्यों हुए इमोशनल, क्या देना चाहते हैं संदेश?

रवीशपाल सिंह

04 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 4 2023 12:38 PM)

CM Shivraj Singh Chauhan: मध्य प्रदेश में 16 साल से भी ज्यादा समय से मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मीटिंग से लेकर पब्लिक मीटिंग तक भावुक नज़र आ रहे हैं. उनके इन भावुक संबोधनों के बाद अटकलें लग रही हैं कि क्या यह एमपी से […]

CM Shivraj emotional twice in 3 days message central leadership mp election 2023

CM Shivraj emotional twice in 3 days message central leadership mp election 2023

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CM Shivraj Singh Chauhan: मध्य प्रदेश में 16 साल से भी ज्यादा समय से मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मीटिंग से लेकर पब्लिक मीटिंग तक भावुक नज़र आ रहे हैं. उनके इन भावुक संबोधनों के बाद अटकलें लग रही हैं कि क्या यह एमपी से मामा (शिवराज सिंह चौहान) की विदाई की शुरुआत है? एक बार उन्होंने मंच से कहा- ‘चला जाऊंगा तो बहुत याद करोगे’, फिर दोबारा कहा- चुनाव लडूं कि नहीं, जनता ने मामा-मामा के नारे लगाए.

बीते मंगलवार को अपने गृह जिले सीहोर के सदैव गांव में विकास कार्यों के लोकार्पण समारोह में पहुंचे थे, जहां अपने संबोधन के दौरान शिवराज ने जनता से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछ लिया. सीएम शिवराज ने कहा कि चुनाव लड़ू या नहीं? यहां से लड़ू के नहीं? इस दौरान मौजूद लोगों ने जमकर मामा-मामा के नारे लगाकर उन्हें सपोर्ट किया. सीएम ने लोगों का हाथ जोड़कर धन्यवाद किया. बाद में जब पत्रकारों ने सीएम शिवराज से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ‘मैं जनता से बात करता हूं’.

क्या शिवराज देना चाहते हैं कोई संदेश

यही नहीं, इससे पहले भी शिवराज ने अपने गृह ज़िले सीहोर में ही एक अक्टूबर को जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘ऐसा भैया दोबारा मिलेगा नहीं तुम्हें. जब जाऊंगा तब याद आऊंगा’. अब सवाल उठ रहा है कि बार-बार शिवराज ऐसा क्यों बोल रहे हैं? क्या सीएम शिवराज मंच से इमोशनल दांव खेलकर केंद्रीय नेतृत्व को कोई संदेश देना चाहते हैं.

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मंच से पूछा सवाल- चुनाव लडूं या नहीं

सीएम शिवराज ने अपने संबोधन के दौरान जनता से चुनाव लड़ने को लेकर भी पूछ लिया. सीएम शिवराज ने कहा कि चुनाव लड़ू के नहीं, यहां से लड़ू के नहीं, इस दौरान मौजूद लोगों ने जमकर मामा-मामा के नारे लगाए. सीएम ने लोगों का हाथ जोड़कर धन्यवाद किया, मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम शिवराज ने जनता से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि मैं जनता से बात करता हूं.

चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा

सीएम शिवराज रविवार को गृह जिले सीहोर में थे, जहां उन्होंने कहा- “ऐसा भैया मिलेगा नहीं, जब मैं चला जाऊंगा तब बहुत याद आऊंगा, सीएम के इस बयान के राजनीतिक गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं. मैंने राजनीति की परिभाषा बदल दी कांग्रेस का वर्षों अपने राज देखा कभी जनता के लिए ऐसी चिंता होती थी क्या? मैं सरकार नहीं परिवार चला रहा हूं.’

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कमलनाथ का तंज

शिवराज के इस तरह से आ रहे बयानों पर पूर्व मुख़्यमंत्री कमलनाथ ने तंज कसा है. बुधवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘मप्र के मुख्यमंत्री जी की विडंबना तो देखिए कि अब वो मंचों से अपने जाने की बात ख़ुद ही करने लगे हैं. ये भाजपाई राजनीति का अजब दौर है, जब ख़ुद ही वो अपना विदाई समारोह आयोजित कर रहे हैं, ख़ुद ही विदाई भाषण पढ़ रहे हैं लेकिन एक विशेष विरोधाभास ये है कि विदाई की इस बेला में जनता की आंख में आंसू नहीं हैं. बल्कि भाजपा सरकार के जाने की और कांग्रेस सरकार के आने की ख़ुशी में जनता के चेहरों पर मुस्कान है. कांग्रेस मुस्कान की गारंटी है.’

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अटकलों का बाजार गर्म

शिवराज के बयानों के बाद अटकले लगने लगी है कि क्या एमपी की सियासत से यह शिवराज की विदाई की शुरुआत है? शिवराज 16 साल से ज्यादा समय से सूबे के मुख्यमंत्री हैं लेकिन अभी तक बीजेपी ने चुनाव से बतौर सीएम फेस उनको दूर ही रखा है. यही नहीं, बीजेपी ने अब तक किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा भी नहीं बनाया है. दूसरी तरफ, एमपी का पूरा चुनावी प्रचार बीजेपी ने पीएम मोदी के इर्द-गिर्द ही रखा है.

बीजेपी की सूची में नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल जैसे दिग्गजों का नाम कहीं शिवराज को इशारा तो नहीं? इन्ही सब की वजह से एमपी की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या यह मध्यप्रदेश से शिवराज युग के अंत की शुरुआत तो नहीं?

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