MP की जिस सीट को सबसे कम मार्जिन से BJP ने गंवा दिया था, वहीं पर भाजपा से क्यों लड़ रही भाजपा

अभिषेक शर्मा

10 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 10 2023 10:16 AM)

mp politics: मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में सबसे कम मार्जिन से जिस सीट को गंवा दिया था, उस सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. टिकट किसी एक को ही मिलना है लेकिन इस सीट पर बीजेपी के सामने दावेदार अनेक हैं. उनमें […]

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mp politics: मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में सबसे कम मार्जिन से जिस सीट को गंवा दिया था, उस सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. टिकट किसी एक को ही मिलना है लेकिन इस सीट पर बीजेपी के सामने दावेदार अनेक हैं. उनमें 2 दावेदार ऐसे हैं, जो खुलकर पार्टी को धमकी तक दे रहे हैं कि यदि एक को टिकट दिया तो दूसरा उसके खिलाफ ही काम करेगा. यानी पार्टी के सामने कांग्रेस से मुकाबले की रणनीति बनाने से पहले पार्टी के अंदर चल रही महाभारत पर काबू पाना एक चुनौती बन गया है.

दरअसल यह सीट है ग्वालियर दक्षिण विधानसभा. जिस पर वर्तमान में कांग्रेस पार्टी से प्रवीण पाठक विधायक हैं. मात्र 131 वाेटों से उन्होंने पूर्व जेल राज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा को इस सीट पर मात देकर सीट बीजेपी से छीन ली थी. बीजेपी के अंदर शुरू हुई इस महाभारत के दो अहम किरदार हैं.

एक हैं पूर्व जेल राज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाह जो 15 साल तक इसी सीट से चुनाव लड़े, जीते और दो बार मंत्री भी बने. दूसरी हैं समीक्षा गुप्ता जो बीजेपी की तरफ से एक बार ग्वालियर शहर की मेयर बनी थीं. 2018 में उन्होंने इसी सीट पर विधानसभा चुनाव लड़ने पार्टी से टिकट मांगा था. टिकट नहीं मिला तो वे बागी हो गईं और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में आ गई थीं

समीक्षा गुप्ता के बागी होने से त्रिकोणीय मुकाबले में हार गई थी बीजेपी
समीक्षा गुप्ता के चुनावी मैदान में आ जाने से 2018 का चुनाव बीजेपी के लिए इस सीट पर त्रिकोणीय हो गया. समीक्षा गुप्ता क्षेत्र की कद्दावर नेता थी. उन्होंने अकेले ही अपने दम पर 51 हजार वोट हासिल कर लिए. जिसकी वजह से बीजेपी उम्मीदवार नारायण सिंह कुशवाहा चुनाव हार गए. समीक्षा गुप्ता को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. लेकिन कुछ समय पहले समीक्षा गुप्ता को पार्टी में वापस शामिल कर लिया गया. जिससे नारायण सिंह कुशवाहा आगबबूला हो गए और अब खुलकर पार्टी को चेतावनी दे रहे हैं कि यदि समीक्षा गुप्ता को टिकट दिया तो वे पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे और जीत भी कांग्रेस की ही सुनिश्चित होगी.

इसी सीट पर बीजेपी के ये दो दिग्गज भी मैदान ए जंग में कूदे
इसी ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी के दो अन्य बड़े दिग्गज भी टिकट की दौड़ में कूद चुके हैं. एक हैं पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा और दूसरे हैं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया. दोनों ही नेता बीजेपी के बेहद पुराने और कद्दावर नेता हैं. अनूप मिश्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे भी हैं. जयभान सिंह पवैया राम मंदिर आंदोलन के दौरान बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ग्वालियर अंचल की राजनीति में महल के खिलाफ यानी सिंधिया के खिलाफ बीजेपी की तरफ से फायर ब्रांड नेता रहे हैं. इन दोनों ने भी ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी की है.

जिसमें अनूप मिश्रा ने तो खुलकर ही बोल दिया है कि बीजेपी से टिकट मांगा है. यदि नहीं दिया तो उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से विचार किया जाएगा. अनूप मिश्रा खुद भी पार्टी के अंदर लंबे समय से साइडलाइन महसूस कर रहे हैं और उनके संबंध कांग्रेस नेताओं के साथ मधुर बताए जाते हैं. ऐसे में अनूप मिश्रा की दावेदारी को बीजेपी दावेदारी कम और चेतावनी के रूप में ज्यादा ले रही है. फिलहाल अनूप मिश्रा ने पार्टी छोड़ने की बात तो नहीं की है लेकिन अंदरखाने में वे इस मुद्दे पर पार्टी से मोलभाव करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

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