कांग्रेस-BJP को धूल चटाने वाले ‘BAP’ के इकलौते विधायक फोटो क्यों हो रहा वायरल!

एमपी तक

• 12:07 PM • 06 Dec 2023

मध्य प्रदेश का चुनावी परिणाम सामने आने के बाद अब निर्वाचित प्रत्याशी राजधानी भोपाल कूच कर रहे हैं. सभी निर्वाचित सदस्य अपने दलों के नेताओं से भोपाल में मुलाकात कर रहे हैं.

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश का चुनावी परिणाम सामने आने के बाद अब निर्वाचित प्रत्याशी राजधानी भोपाल कूच कर रहे हैं. सभी निर्वाचित सदस्य अपने दलों के नेताओं से भोपाल में मुलाकात कर रहे हैं. इन्हीं सब के बीच एक तस्वीर चर्चांओं में आ गई है. दरअसल रतलाम की सैलाना विधानसभा से निर्वाचित विधायक कमलेश्वर डोडियार बाइक से ही भोपाल रवाना हो गए. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास कोई चार पहिया वाहन नहीं है. इसी कारण उन्हें बाइक से ही जाना पड़ा.

दरअसल कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाकर भारत आदिवासी दल चर्चा में है. चुनाव जीतने वाले विधायक एक बार फिर बाइक से भोपाल जाने को लेकर चर्चा में हैं. रतलाम जिले की सैलाना सीट से जीते विधायक कमलेश्वर डोडियार ने बाइक से प्रचार किया था, सड़क पर बैठकर खाना खाया था और अब विधायक बनने के बाद अपने दस्तावेज जमा करने के लिए बाइक से भोपाल के लिए निकल पड़े हैं. विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कहा कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, दोस्तों और साथियों से उधार लेकर चुनाव लड़ा है, अब बाइक से भोपाल भी जा रहे हैं.

कर्ज लेकर लड़ा चुनाव

सैलाना से कमलेश्वर डोडियार को लेकर ऐसा कहा जा रहा है कि न तो उनके पास चुनाव लड़ने का पैसा था, न ही कोई बड़ी गाड़ी जिससे वे प्रचार कर सकें. इसके साथ ही उनके पास अभी तक कोई पक्का घर भी नहीं है. जिस वक्त चुनाव की मतगणना चल रही थी उस वक्त उनकी मां मजदूरी कर रही थी, उन्हें भी विश्वास नहीं था कि वे शाम को एक विधायक की मां बन जाएंगी. 33 वर्षीय कमलेश्वर डोडियार ने भारत आदिवासी पार्टी के टिकट से सैलाना सीट पर जीत दर्ज की है. कमलेश्वर डोडियार ने सैलाना निर्वाचन क्षेत्र में निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4,618 मतों के अंतर से हरा दिया है.

कौन हैं कमलेश्वर डोडियार

कमलेश्वर डोडियार का जन्म एक मजदूर परिवार में हुआ और वह मजदूरी के बीच पले-बढ़े हैं. कमलेश्वर अपने 6 भाई और 3 बहनों में सबसे छोटे हैं. पढ़ाई में रुचि होने के कारण उन्होंने ग्रेजुएशन किया, लेकिन इसके बाद वह कोटा चले गए थे. जहां उन्होंने मकान के निर्माण कार्य में मजदूरी का काम किया. बचपन से लेकर अब तक उन्होंने गरीबी को नजदीक से देखा और जाना है. कोटा से वापस अपने घर लोटने पर उन्होंने लगातार आदिवासियों के मुद्दों को उठाया जिसकी वजह से वे अपने क्षेत्र में चर्चित हो गए. यही कारण है कि वे चुनाव बीजेपी की आंधी में भी जीत गए.

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