MP Politics: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों (MP Election 2023) से पहले बीजेपी (BJP) की फायर ब्रांड नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (UMA Bharti) हाल दिनों में खासी सुर्खियों में बनी हुई हैं. उमा भारती पार्टी से जन आशीर्वाद यात्रा (Jan Ashirvad Yatra) के लिए न्योता न मिलने के कारण नाराज हैं. उन्होंने पार्टी पर निशाना साधते हुये कहा था, अगर आप उन नेताओं के वजूद को पीछे धकेल देंगे, जिनके दम पर पार्टी का वजूद खड़ा है, तो आप एक दिन खुद खत्म हो जाएंगे. आशीर्वाद यात्रा में न्यौता न मिलने के बाद से ही वे लगातार एक्टिव बनी हुई हैं. उन्होंने महिला आरक्षण (Women Reservation Bill) बिल के पास होने बाद पहले पीएम मोदी (PM Modi) को एक पत्र लिखा और उसके बाद एक बड़ी बैठक बुलाने का ऐलान किया है.
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हाल के दिनों में लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला नारी शक्ति वंदन बिल संसद के दोनों सदनों से भले ही पास हो गया हो, लेकिन बीजेपी के अंदर ही इसके विरोध के स्वर उठने लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इसको लकर खुले तौर पर अपना विरोध जताया है. उमा भारती ने 23 सितंबर को भोपाल में ओबीसी नेताओं की बड़ी बैठक बुलाने की बात अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर लिखा है.
क्या लिखा उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया पर?
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट X पर लिखा है कि, “आज राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल पूर्ण बहुमत से पारित हो गया.अब यदि पिछड़े वर्गों को स्थान देने के लिए एक और संशोधन का मार्ग निकालना है, इसलिए भोपाल शहर के एवं उसके आसपास के पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेताओं के साथ विचार विमर्श हुआ.
23 सितंबर को एक और बड़ी बैठक बुलाने का फैसला हुआ.”
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सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रही उमा
उमा भारती ने अपने एक दूसरे पोस्ट में लिखा ,”हमारी पार्टी की सरकार ने इसको जिस भी रूप में पारित किया वह आज स्वीकार है. किंतु पार्टी की मर्यादा में रह कर लोकतांत्रिक तरीके से जब तक यह विधेयक लागू नहीं होता तब तक ओबीसी आरक्षण के संशोधन के लिए दृढ़निश्चयी बने रहेंगे. यह आरक्षण संविधान में विशेष संशोधन हैं तो देश की 60% आबादी ओबीसी के लिए एक संशोधन और किया जा सकता है.हम सभी अपनी तपस्या एवं मोदी जी पर अपना विश्वास बनाये रखे.”
पीएम मोदी को लिख चुकी पत्र
लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश होने से कुछ घंटे पहले उमा भारती ने 19 सितंबर की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और बाद में अपनी सार्वजनिक करते हुए कहा कि वह इस बात से निराश हैं, कि विधेयक में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं ने ओबीसी महिलाओं के लिए कोई कोटा तय नहीं किया है. उमा भारती जिस लाइन पर चल रही हैं, वह पार्टी के वर्तमान रुख से पूरी तरह मुख्तलिफ है. उन्होंने केंद्रीय को यह याद दिलाने की कोशिश की कि जब एचडी देवेगौड़ा के प्रधानमंत्री काल में विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था, तो उन्होंने भी ऐसा ही रुख अपनाया था.
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