Akhilesh Yadav-Journalist Controversy: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं और अपने प्रत्याशियों के समर्थन में अलग-अलग जिलों में जनसभाएं भी ले रहे हैं. लेकिन गुरुवार को पन्ना जिले में वे एक नए विवाद में फंस गए. यहां पत्रकारों से बात करने के दौरान वे एक स्थानीय पत्रकार से भिड़ गए. मामला यहां तक पहुंच गया कि समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीटर हैंडल से संबंधित पत्रकार को आपराधिक प्रवृत्ति का बताकर पुलिस कार्रवाई की मांग तक कर डाली तो वहीं संबंधित पत्रकार ने भी अखिलेश यादव के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराने की बात कही.
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पन्ना जिले में जब अखिलेश यादव चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे तभी वहां एक लोकल न्यूज चैनल के पत्रकार नूर काजी ने उनसे सवाल कर दिया कि यूपी में योगी आदित्यनाथ के आने के बाद काफी काम हुआ है और अखिलेश यादव पर तो टोटी चोरी करने के आरोप तक लग चुके हैं. इस सवाल पर अखिलेश यादव भड़क गए और उन्होंने पत्रकार नूर काजी को बीजेपी का एजेंट बता दिया.
अखिलेश यादव ने कहा कि ‘तुम बीजेपी के एजेंट हो. इतना महंगा रेबिन का नकली चश्मा पहनते हो, तुम पत्रकार नहीं हो सकते हो’. इसके बाद अखिलेश यादव ने नूर काजी से उनका नाम पूछा तो वे बोले ‘मुसलमान हो और मुसलमान की क्या ऐसी भाषा होती है’. अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘तुम पत्रकार हो ही नहीं सकते, तुम जिस तरह से बात कर रहे हो, उससे जाहिर हो जाता है कि तुम बीजेपी के एजेंट हो’.
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर बता दिया पत्रकार को अपराधी
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके बताया कि अखिलेश यादव से सवाल पूछने वाला व्यक्ति पत्रकार नहीं बल्कि कोई आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है. ट्वीट में बताया है कि ‘मध्य प्रदेश के अजयगढ़ में पन्ना विधानसभा की सभा में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी की प्रेस वार्ता में पत्रकार के भेष में पहुंचा अपराधिक किस्म का संदिग्ध व्यक्ति। मध्य प्रदेश पुलिस जांच करे और बताए ये अपराधी प्रेस वार्ता में कहां से आया’?
नूर काजी बोले, मानहानि का मुकदमा करूंगा
इस बीच नूर काजी का कहना है कि वे शौक के लिए पत्रकारिता करते हैं और शौक के लिए ही महंगे चश्मे पहनते हैं. लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं कि वे बीजेपी के एजेंट हो गए. उन्होंने एक पत्रकार के नाते अखिलेश यादव से सवाल किया था तो उनको भड़कना नहीं चाहिए था. उनको सवाल पसंद नहीं आया तो वे इग्नोर कर सकते थे लेकिन उन्होंने बहुत अभद्र टिप्प्णी की है. ट्वीट करके अपराधी बता रहे हैं, जबकि एक भी थाना-चौकी में उनके खिलाफ सिंगल शिकायत तक नहीं है. नूर काजी का कहना है कि वे अखिलेश यादव के खिलाफ मानहानि का प्रकरण दर्ज कराएंगे.
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