MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को अब सिर्फ कुछ ही दिन शेष हैं. कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर जमकर आरोप भी लगा रहे हैं. सबसे बड़ा आरोप है बेरोजगारी का, जिसे कमलनाथ और पूरी कांग्रेस पार्टी जमकर शिवराज सरकार पर लगाती आ रही है. लेकिन नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़े तो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. नेशनल सैंपल सर्वे ने हाल ही में 15 से 29 आयु वर्ग के युवाओं के बीच बेरोजगारी के स्तर के आंकड़े जारी किए तो मालूम चला कि जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें सबसे कम बेरोजगार युवा मध्यप्रदेश में हैं.
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इन आंकड़ो ने राजनेताओं को चौंका दिया है. कमलनाथ और कांग्रेस लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि शिवराज सरकार के 18 साल के शासन में मध्यप्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है. लेकिन नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़े बता रहे हैं कि चुनावी राज्यों में सबसे कम युवा बेरोजगार मध्यप्रदेश में हैं और सबसे अधिक तेलंगाना में हैं.
इन आंकड़ों के अनुसार 2022-23 वित्तीय वर्ष में 15 से 29 वर्ष के आयु वाले युवाओं की बेरोजगारी दर राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम में राष्ट्रीय औसत से अधिक है. वहीं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह दर राष्ट्रीय औसत से कम है. राजस्थान में युवा बेरोजगारी दर 12.5 प्रतिशत दर्ज की गई. तेलंगाना में 15.1 प्रतिशत, मिजोरम में 11.9 प्रतिशत दर्ज की गई है. वहीं छत्तीसगढ़ में 7.1 प्रतिशत और सबसे कम मध्यप्रदेश में सिर्फ 4.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर्ज रिकॉर्ड की गई है.
मध्यप्रदेश में महिला युवाओं की बेरोजगारी भी कम
नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि महिला युवाओं के मामले में भी बेरोजगारी दर तेलंगाना में 16.2 प्रतिशत, मिजोरम में 16.4 प्रतिशत,छत्तीसगढ़ में 6.1 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में सबसे कम सिर्फ 3.9 प्रतिशत है. ऐसे में चुनावी राज्यों वाले सभी 5 राज्यों में बेरोजगारी के मामले में सबसे टॉप पर है तेलंगाना और सबसे कम बेरोजगारी मध्यप्रदेश में बताई गई है. हालांकि इन आंकड़ों की सच्चाई ग्राउंड पर कितनी है, उसे लेकर राजनीति लगातार सक्रिय है. कांग्रेस इन आंकड़ों को ग्राउंड की सच्चाई से दूर बता रही है.
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