MP News: भोपाल के रवींद्र भवन में शहीद दिवस के मौके पर सरदार भगत सिंह, सुखदेव,राजगुरु के शहादत के ‘स्मृति प्रसंग’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तीनों बलिदानियों को याद करते हुए उनकी प्रतिमाएं बनाने का ऐलान किया. साथ ही भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की बलिदानी के पाठ को 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की. इस मौके पर प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर भी शामिल हुए. इस दौरान सरदार भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत का चित्रांकन किया गया.
ADVERTISEMENT
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश को आजादी कोई चांदी की तस्तरी में रख कर भेंट नहीं की गई, हजारों क्रांतिकारियों ने जान की बाजी लगा दी. कुछ ऐसे थे जिन्होंने अपने रक्त से भारत भूमि को लाल किया था. उनके त्याग, तपस्या, बलिदान से भारत आजाद हुआ. उन्होंने कहा कि आज आजादी के अमृत काल में मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा लगी है, जिन्होंने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा.
ये भी पढ़ें: Good News: MP में सरकारी नौकरियों के लिए अब एक बार ही देना होगा परीक्षा शुल्क, जानें डिटेल
बनाई जाएगी तीनों क्रांतिकारियों की प्रतिमा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम आज शहीद दिवस पर उन्हें भूल जायें, कार्यक्रम का आयोजन भी न हो ऐसा कैसे हो सकता है. तीनों महान क्रांतिकारियों को जब फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया, उस दिन उन्हें याद जरूर किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू की प्रतिमा एक साथ भोपाल में होनी चाहिए. उन्होंने ऐलान किया कि तीनों क्रांतिकारियों की प्रतिमा भोपाल की पवित्र धरती पर लगाई जाएगी. मनुआभान की टेकरी पर प्रतिमा लगाई जाएगी और उनका स्मारक बनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें: BJP का दावा, ‘शिवराज सरकार के 3 साल बेमिसाल’, भोपाल में आज बड़े उत्सव की तैयारी
12वीं तक पढ़ाएंगे तीनों के बलिदान का पाठ
सीएम ने ऐलान किया कि पहली से 12वीं तक की पाठ्यक्रम में तीनों के बलिदान का पाठ पढ़ाया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान से प्रेरणा लेती रहें. सीएम शिवराज सिंह चौरान ने कहा कि एक पीढ़ा है मन में, जब आजादी के इतिहास पढ़ाया गया कि हिंदुस्तान को आजाद नेहरू जी, इंदिरा गांधी जी ने दिलाई, लेकिन हम भूल गये कई शहीदों को. हम भूल गये झांसी की रानी को, हम भूल गये तात्याटोपे को, लाला हरदयाल को, उद्यम सिंह को, राजगुरू को, रामप्रसाद बिस्मिल को, हम भूल गये भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेता जी सुभाष चंद्र बोस को, वीर सावरकर को, टंटया मामा को हम भूल गये.
ADVERTISEMENT