Khargone News: मध्यप्रदेश के खरगोन में एक अनाेखी शादी देखने को मिली है. इस शादी में दुल्हा-दुल्हन के रूप में बछड़े-बछिया की शादी कराई गई है. विवाह की शादी रस्में बिल्कुल बेटी की शादी की तरह ही निभाई गई. इसके लिए बाकायदा मंडप सजा पूरे नगर का सामूहिक भोज भी कराया गया. विवाह में शामिल मेहमानों को पशु आहार के लिए उपहार भी भेंट किया गया. अब इस अनोखी शादी की चर्चाएं चारों तरफ हो रही है.
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दरअसल खरगोन के बोंदर परिवार के दामोदर महाजन ने बताया कि उनकी पत्नी पदमा को कुछ साल पहले कैंसर की बीमारी हुई थी. ऐसे में उन्होंने रोजाना गोमूत्र पिलाना शुरू किया. परिवार में पहले से ही गाय की सेवा होती है. रोजाना गोमूत्र सेवन और गोसेवा का परिणाम यह हुआ कि अब उनकी पत्नी पूरी तरह स्वस्थ है.
गौ-सेवा से कैंसर जैसी बीमारी को मात देने के बाद बछिया राधे का बछड़े शम्भू का विवाह कराने का फैसला लिया गया.
शादी समाराेह में रिश्तेदार ओर कुटुंब के लेाग हुये शामिल
अनूठा विवाह बिरला मार्ग पर रहने वाले शहर के प्रतिष्ठित बोंदर महाजन परिवार में हुआ. यहां अपने घर पर पली बछिया का धूमधाम से विवाह कराया गया. इस आयोजन में न केवल महाजन परिवार बल्कि रिश्तेदार कुटुंब के लोग भी शामिल हुए. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ में अनूठा विवाह कराया गया. यही नहीं बछड़े और बछिया का सात फेरे के साथ वचन के साथ लग्न भी कराए गए.
शादी के साक्षी बने 500 लोग
इस अनूठे विवाह में करीब 500 लोग साक्षी बने. महाजन परिवार ने बकायदा शादी में शामिल होने के लिए लोगों को आमंत्रित किया था दरअसल दामोदर परिवार में पदमा महाजन को कुछ साल पहले कैंसर हो गया था, ऐसे में उन्होंने रोजाना गोमूत्र पिलाना शुरू किया और एलोपैथी इलाज भी लिया. परिवार में पहले से ही गाय की सेवा होती थी. गौ सेवा के चलते उनकी पत्नी पूरी तरह से स्वस्थ हो गई. जिसके बाद उन्होंने इस अनोखी शादी को करने का फैसला लिया.
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बछड़े शंभू की बारात लेकर पहुंचे बाराती
गौशाला से सागर मोरे मनोज कर्मा और अन्य सेवक बछड़े शंभू की बारात लेकर बोंदर परिवार के घर पहुंचे. ढोल बाजे के साथ में बारातियों का स्वागत सत्कार किया गया. पंडित रुपेश राणा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न कराया. बोंदर परिवार के लोगों ने दूल्हा दुल्हन बने बछड़े और बछिया का पूजन अर्चन कर बछिया को विदा किया.
पशु आहार दिया गिफ्ट स्वरूप, विवाह का सामूहिक भोज भी कराया-
बोन्दर परिवार ने ना केवल बछिया और बछड़े का विवाह कराया बल्कि विधिवत लोगों को आमंत्रित किया. मेहमानों विवाह का सामूहिक भोज भी कराया आखिर में पशु आहार के लिए उपहार भी भेंट किए.
लंबे समय से कर रहे गाय की सेवा
बोन्दर महाजन परिवार कई सालों से गाय की सेवा कर रहे हैं. गाय के प्रति लोगों को प्रेरित भी करते हैं. परिवार का मानना है कि गाय में कई औषधीय गुण होते हैं. गाय की बछिया को उन्होंने हमेशा बेटी की तरह पाला है, इसलिए परिवार ने निर्णय लिया कि बछिया राधे का विवाह बेटी की तरह पूरे रस्मो रिवाज से करेंगे और बेटी की तरह ही विदाई रस्म भी होगी.
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