MP सरकार की 125 योजनाओं के बंद होने का खतरा! वित्त विभाग के इस आदेश से मचा हड़कंप, लाड़ली बहना योजना का क्या होगा?

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Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav meets Deputy CM and Finance Minister Jagdish Devda before his budget speech. (Photo: ANI)
Madhya Pradesh Chief Minister Mohan Yadav meets Deputy CM and Finance Minister Jagdish Devda before his budget speech. (Photo: ANI)
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मध्य प्रदेश सरकार की कई योजनाओं पर अब खतरा मंडरा रहा है.

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125  योजनाओं के फंड जारी करने को लेकर एक तरह से रोक लगा दी गई है.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का ऋण है. कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार की कई योजनाओं पर अब खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, वित्त विभाग ने लाड़ली लक्ष्मी समेत 125  योजनाओं के फंड जारी करने को लेकर एक तरह से रोक लगा दी है. वित्त विभाग की परमिशन के बिना अब ऐसी योजनाओं की राशि जारी नहीं की जा सकेगी.

लाड़ली लक्ष्मी योजना जैसी मध्य प्रदेश सरकार की लगभग 125 योजनाएं ऐसी हैं, 47 विभागों की, जिस पर वित्त विभाग ने एक तरह से रोक लगा दी है. वित्त विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसके बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल, वित्त विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि इन 125 स्कीमों के लिए जो पैसा खर्च होगा, वह बिना वित्त विभाग की अनुमति से या उसके डायरेक्ट परमिशन लेनी होगी, उसके बगैर नहीं किया जाएगा.

विस्तार से जानने के लिए देखें ये वीडियो...

लाड़ली बहना योजना सरकार की टॉप प्रायोरिटी

मध्य प्रदेश सरकार लगभग 1600 करोड़ रुपये हर महीने लाडली बहनाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से देती है. हर महीने लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रुपये डाले जाते हैं.  लाड़ली बहना योजना पर फिलहाल किसी तरह का खतरा नजर नहीं आ रहा है, चूंकि इसकी राशि के लिए वित्त विभाग की परमिशन की जरुरत नहीं है. तो ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या लाडली बहना योजना ही सरकार की टॉप प्रायोरिटी है, क्योंकि लाडली बहना योजना के ऊपर इस तरह की बंदिशें नहीं लगाई गई है. क्या सरकार लाडली बहनों से आगे सोच नहीं पा रही है? क्या लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक लायबिलिटी बनता जा रहा है.

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क्या बंद हो जाएंगी योजनाएं?

वित्त विभाग द्वारा इन योजनाओं के फंड पर परमिशन लेने के आदेश के बाद चर्चा होने लगी है क्या ये योजनाएं बंद हो जाएंगी? सीनियर जर्नलिस्ट अरुण दीक्षित का इसे लेकर कहना है कि वित्त विभाग से परमिशन लेनी पड़ेगी, इसका मतलब यह नहीं है कि यह स्कीम्स को स्टॉल कर दिया गया है या रोक दिया गया है. लेकिन अगर उस समय पैसा मौजूद नहीं है, तो हो सकता है मना भी कर दिया जाए, इसीलिए शायद परमिशन लगाई है.

सीनियर जर्नलिस्ट का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति सरकार की ठीक नहीं है. औसत हर महीने 2000 करोड़ का कर्ज सरकार ले रही है और करीब 4 लाख करोड़ का बजट है और उतना ही कर्जा पहुंच गया है.

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